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मुंबई : कनफेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) महाराष्ट्र प्रदेश के उपाध्यक्ष एवं ठाणे जिला होलसेल व्यापारी वेलफेयर महासंघ अध्यक्ष श्री सुरेश भाई ठक्कर ने बताया की दिल्ली की खराब जल निकासी व्यवस्था के कारण जलभराव से दिल्ली की बुरी हालत पर गंभीर चिंता जताते हुए चाँदनी चौक से भाजपा सांसद श्री प्रवीन खंडेलवाल ने आज दिल्ली के उपराज्यपाल श्री वी के सक्सेना से आग्रह किया है कि चूँकि दिल्ली सरकार दिल्ली में सीवर और ड्रेनेज सिस्टम को सँभालने में पूरी तरह फेल साबित हुई है और दिल्ली के लोग ढेर परेशानियों से जूझ रहे हैं, इस बात को ध्यान में रखते हुए उपराज्यपाल दिल्ली में कार्यरत सभी विभागों के प्रमुखों तथा दिल्ली के सभी लोकसभा सदस्यों की एक संयुक्त मीटिंग तुरंत बुलायें ताकि इस गंभीर मुद्दे पर सार्थक चर्चा होकर ठोस कदम उठाये जायें।
खंडेलवाल ने सुझाव दिया कि नेशनल कैपिटल टेरिटरी (NCT) दिल्ली के लिए एक समग्र जल निकासी मास्टर प्लान तैयार किया जाये तथा इसके लिए भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (IITs), स्कूल ऑफ प्लानिंग एंड आर्किटेक्चर और अन्य इसी तरह के पेशेवर संस्थानों की मदद लेकर सीवर एवं ड्रेनेज की व्यवस्थित किया जाये।
सांसद खंडेलवाल ने कहा कि यह समस्या सिर्फ मानसून के दौरान ही नहीं, बल्कि सामान्य बारिश के समय भी दिल्लीवासियों के जीवन को बुरी तरह प्रभावित कर रही है।दिल्ली की सड़कों पर थोड़ी सी बारिश के बाद ही पानी भर जाता है और यह स्थिति इतनी गंभीर हो जाती है कि सामान्य नागरिक का जीवन अस्त व्यस्त हो जाता है। दिल्ली की सरकार और नगर निगम (MCD) इस समस्या को हल करने में पूरी तरह से विफल रहे हैं। दिल्ली सरकार इस संकट से निबटने के लिए एक सामान्य मानसून योजना या एक ऐसी एजेंसी या विभाग बनाने में असमर्थ रहे हैं जो उनके कार्यों का समन्वय कर सके।
खंडेलवाल ने कहा कि दिल्ली की कई महत्वपूर्ण सड़कों और नालों में ढलान की कमी है जो बारिश के पानी को स्वाभाविक रूप से बहने नहीं देती। निचले इलाकों में स्थित सड़कों की स्थिति और भी बदतर है क्योंकि वहां की जल निकासी व्यवस्था अत्यंत कमजोर है और जो थोड़ी बहुत है वो बारिश के कारण बाढ़ जैसे हालात पैदा कर देती है ।
खंडेलवाल ने कहा कि पिछले 9 वर्षों से अधिक समय से दिल्ली में आम आदमी पार्टी की सरकार है और प्रत्येक वर्ष वर्षा के कारण से दिल्ली में बड़े पैमाने पर जल भराव की समस्या उत्पन्न होती है लेकिन फिर भी 9 वर्षों से अधिक के समय में दिल्ली सरकार उस गंभीर मुद्दे का कोई स्थायी हल ही नहीं निकाला गया क्योंकि सरकार की कोई दिलचस्पी दिल्ली के मुद्दों को हल करने में है ही नहीं ।
Reporter - Khabre Aaj Bhi
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