प्रदेश में अंधाधुध एनकाउंटर फिर भी कानून व्यवस्था बेपटरी क्यों ? -अमिक जामई राष्ट्रीय प्रवक्ता सपा

By: Riyazul
Oct 09, 2018
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जौनपुर : समाजवादी पार्टी के कौमी तर्जुमान अमीक जामेई ने कहा कि देश के प्रधामंत्री खुद को पिछड़े समाज से बताते जबकि सच्चाई यह है कि बहुजन समाज का सबसे ज्यादा नुक्सान इस भाजपा हुकुमत में हुआ है, प्रदेश में मुख्यमंत्री अजय सिंह बिष्ट की सरकार में अपराधमुक्त उत्तर प्रदेश के नारे के साथ 1500 एन्काउन्टर हुए, जिसमें 60 तथाकथित अपराधियों को मारने का दावा किया जबकि यह पहली बार हुआ है की एनएचआरसी ने चार बार पुलिस को अधिक अधिकार देकर बेगुनाहों को एनकाउंटर मे मार देने की प्रणाली पर सवाल उठाया है ।
देश मे पहली बार हुआ जब हाई कोर्ट और सुप्रीम कोर्ट ने एक्स्ट्रा जुडिशियल किलिंग को संज्ञान में लिया है, अंधाधुंध एनकाउंटर के बाद भी प्रदेश में कानून व्यवस्था कोलेप्स हो चुकी हुई है। समाजवादी पार्टी के कौमी तर्जुमान अमीक जामेई ने कहा कि प्रदेश के मुखिया ने पुलिस के अंदर धोने की संस्कृति पैदा किया है जिससे कानून हाथ में लेने, प्रमोशन मैडल की होड़ में अंधाधुंध बेगुनाहों का एनकाउंटर हुए है। उन्होंने कहा कि नोएडा के नौजवान जितेन्द्र यादव एनकाउंटर पुलिस ने किया वह एक खूबसूरत पहलवान जैसा युवा था जिसकी पुलिस ने ज़िंदगी खराब कर दी,वही सुमित गुर्जर और उसके परिवार की जिंदगी तबाह हो गयी। आजमगढ़ में मुकेश राजभर को एनकाउंटर में मार दिया गया, इन मामलो में कोई मुवावजा या पुलिस को सज़ा नहीं दी गयी। ताज़ी घटना में अलीगढ के दो युवको को मीडिया बुलाकर लाइव एनकाउंटर कर दिया गया और उन्हें दफ़न करने की प्रक्रिया भी न कराकर उन्हें पुलिस ने ज़मीन में गढ्ढा खोद दफन कर दिया। इन सभी मामलो में देखा गया कि यह मुद्दा प्रकाश में न आये इस लिए मारे गए लोगों के परिवार तक को पुलिस परेशान कर रही है।
समाजवादी पार्टी के कौमी तर्जुमान अमीक जामेई ने कहा कि पार्टी के कौमी सदर जनाब अखिलेश यादव ने बीते 1 अक्टूबर को ही पार्टी हेड ऑफिस में प्रेस बुलाकर लॉ एंड आर्डर और फेक एनकाउंटर पर सवाल उठा कर चिंता ज़ाहिर की थी। उनके निर्देश पर 10 अक्टूबर को पार्टी का एक शीर्ष दल एनकाउंटर की जाँच करेगा, समाजवादी पार्टी देश के कमज़ोर महकूम तबको के साथ खडी़ है और वो हर प्रकार का अन्याय ज़ुल्म ज्यादती के खिलाफ लड़ेगी और हम यह चाहते है कि पुलिस सरकार को खुश करने के लिए कानून अपने हाथ में न लें और जनता का खोता हुआ विश्वास पाने की कोशिश करें।


Riyazul

Reporter - Khabre Aaj Bhi

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