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जयन्ती पर याद की गयीं असम की पूर्व कांग्रेसी मुख्यमन्त्री सैयदा अनवरा तैमूर
लखनऊ : अल्पसंख्यक कांग्रेस द्वारा चाय की दुकानों पर 20 से 26 नवम्बर तक चलाया जा रहा संविधान पर चर्चा अभियान आज 5 वें दिन भी जारी रहा। इस अभियान मोदी सरकार द्वारा संविधान को बदलने की मंशा पर लोगों को जागरूक किया जा रहा है।
कांग्रेस मुख्यालय से जारी प्रेस विज्ञप्ति में अल्पसंख्यक कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष शाहनवाज़ आलम ने बताया कि इस अभियान के तहत लोगों को बताया जा रहा है कि इंदिरा गाँधी की सरकार ने 1976 में संविधान में 42 वां संशोधन करते हुए प्रस्तावना में समाजवादी और सेकुलर शब्द जोड़ दिया था। सुप्रीम कोर्ट ने अपने कई फैसलों में कहा है कि प्रस्तावना में संसद भी कोई बदलाव नहीं कर सकती। लेकिन भाजपा सरकार इसे बदलने की साज़िश रच रही है। इसके तहत भाजपा के दो सांसदों ने राज्यसभा में निजी मेंबर बिल भी पेश किया है। अगर यह शब्द हट गये तो अल्पसंख्यकों, दलितों और पिछड़ों के सारे अधिकार खत्म हो जायेंगे। वहीं समाजवादी शब्द हटते ही सारी सार्वजनिक संपत्ति अदानी और अम्बानी जी को मोदी जी गिफ्ट कर देंगे।
उन्होंने बताया कि 26 नवम्बर यानी संविधान दिवस तक चलने वाले इस अभियान के अंतिम दिन मदरसों में संविधान की प्रस्तावना को पढ़वाकर संविधान बचाने का संकल्प दिलवाया जाएगा। वहीं आज असम की पूर्व कांग्रेसी मुख्यमन्त्री स्वर्गीय सैयदा अनवरा तैमूर जी की जयन्ती पर उनकी तस्वीर पर माल्यार्पण कर उन्हें याद किया गया।
Reporter - Khabre Aaj Bhi
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