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By : विवेक सिंह
सेवराई /गाजीपुर : स्थानीय तहसील क्षेत्र के अति प्राचीनतम सेवराई गढ़ी ग्राम रामलीला समिति सेवराई द्वारा शनिवार की रात्रि विभीषण शरणागत व अंगद रावण संवाद रामलीला का सजीव मंचन किया गया ।
लंका में हनुमान द्वारा लंका को जला देने के बाद निश्चरों में भय बना हुआ था । रावण के दरबार में लंकेश के भाई विभीषण द्वारा रावण को श्री राम के बारे में समझ कर बताया जा रहा था कि सीता को सम्मान पूर्वक राम को वापस कर दे इसी में सभी लोगों का भलाई है । लेकिन काल के वशी भूत रावण को विभीषण के बताए गए ज्ञान को ठुकरा कर रावण ने विभीषण को लात मार कर लंका से बाहर कर दिया । वही विभीषण श्री राम के शरण में चला गया । श्री राम की सेना में लंका में चढ़ाई करने के लिए समुद्र पार करने को लेकर श्री राम सहित पूरी सेना तीन दिनों तक समुद्र से विनय कर रास्ता मांगे जाने के बावजूद भी जब समुद्र ने रास्ता नहीं दिया तो क्रोधित श्री राम ने अपने धनुष पर बाण चढ़कर सूखने के लिए ज्योही बाण चढ़ाते हैं कि समुद्र में हलचल मच जाता है । समुद्र प्रकट होकर राम से अपनी गलती के लिए क्षमा मांगते हुए पुल के निर्माण हेतु नल और नील बन्दर को दिए गए मुनि के श्राप की बात बताया गया । जिसके बाद समुद्र पर भगवान श्री राम द्वारा रामेश्वरम सेतु का निर्माण किया गया ।समुद्र पार करने के बाद श्रीराम की सेना में आक्रमण करने को लेकर विचार विमर्श करने के पश्चात यह निश्चित हुआ कि अंगद को दूत बनाकर रावण के पास भेजा जाए । अंगद राम का दूत बनकर अयोध्या में जाते ही रावण के पुत्र प्रशस्त से मुलाकात होती है जहां उनका वध करने के पश्चात रावण के दरबार में पहुंचते हैं जहां रावण व अंगद का संवाद हुआ । जिसे देखने के लिए लीला प्रेमियों की देर रात तक भारी भीड़ लगी रहे । इस मौके पर व्यास दीनानाथ गिरी ,अध्यक्ष संजय सिंह ,सचिव सुमन्त सिंह सकरवार ,कोषाध्यक्ष अरविंद सिंह ,सहायक सचिव सत्यजीत सिंह ,अभिमन्यु सिंह, हरिनारायण सिंह, राम अवधेश शर्मा, विनोद सिंह आदि लोग प्रमुख रूप से मौजूद रहे ।
Reporter - Khabre Aaj Bhi
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