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सेवराई : (गाजीपुर )तहरीक-ए-इस्लाह मुआशरा कमेटी की ओर से समाज में फैली कुरीतियों को दूर करने की पहल की गई है। कमेटी द्वारा वर्ष 1985 में हुए बारा कन्वेंशन में जो एजेंडा पास हुई थी उस पर अमल करने के लिए जोर दिया जा रहा है। यह बातें बारा गांव स्थित स्वर्गीय कासिम खान के द्वारे पर बृहस्पतिवार को तहरीक-ए-इस्लाह मुआशरा बारा कमेटी के पदाधिकारियों व सदस्यों की बैठक में वक्ताओं ने कहीं।
बैठक की शुरुआत हाफिज जाकिर के तिलावत-ए- कुरआन से हुआ। बैठक में वक्ताओं ने कहा कि तहरीक-ए-इस्लाह मुआशरा कमसार-ओ-बार गंगा एवं कर्मनाशा पार का मकसद है कि समाज में फैली कुरीतियों को दूर किया जा सके। शादी में फिजूलखर्ची पर रोक लगे और दहेज प्रथा बंद हो। दहेज व बारात पर पाबंदी के लिए तहरीक-ए-इस्लाह मुआशरा बारा के कमेटी द्वारा तेजी से कार्य किया जा रहा है। बैठक में कमेटी के पदाधिकारियों ने कहा कि मस्जिदों में निकाह करके खर्च कम किए जाने के साथ ही निकाह को आसान बनाया जा सकता है।
उन्होंने कहा कि शादी में हो रही फिजूलखर्ची को रोकने के लिए तहरीक-ए-इस्लाह मुआशरा कमेटी कमसार-ओ-बार गंगा एवं कर्मनाशा पार के गांवों में लगातार काम कर रही है। बैठक में उपस्थित लोगों खासकर नौजवानों को संबोधित करते हुए वक्ताओं ने कहा कि दहेज, छेका, चौक, बारात से परहेज करें। नौजवान अपने निकाह को कम खर्च में करते हुए दावत-ए-वलीमा सादगी के साथ करें। लड़कियों की शादी में दावत बंद किया जाए।इस दौरान पूर्व प्रधान बारा मंजूर खान, सदरेआलम खान, नियाज अहमद खान, इक़बाल खान, नेसार अहमद खान, मुस्तफा खान, इरशाद खान, जमशेद खान मुन्ना, आरिफ खान, मकसूद खान, अख्तर खान, इजहार अहमद खान, असलम खान, इश्तियाक खान सहित भारी संख्या में ग्रामीण मौजूद रहे। बैठक की अध्यक्षता नेसार खान गार्ड ने किया।
Reporter - Khabre Aaj Bhi
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