गुरु पूर्णिमा के अवसर पर सिद्ध पीठ हथियाराम में उमड़ा भक्तों का जन सैलाब हथियाराम हुआ भक्ति मय

By: Sivprkash Pandey
Jul 03, 2023
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जखनिया/ गाजीपुर : क्षेत्र के सिद्ध पीठ हथियाराम मठ में गुरु पूर्णिमा के अवसर पर अपने गुरु के दर्शन पाने के लिए अपार जनसमूह का सैलाब उमड़ पड़ा। इस दौरान पीठाधीश्वर महामंडलेश्वर महंथ श्री भवानी नंदन यति महाराज ने अपने गुरु  बालकृष्ण यती जी के चित्र पर माल्यार्पण कर दीप प्रज्वलित करते हुए भव्य पूजन कार्यक्रम में काशी से आए आचार्य पंडित विनोद कुमार उपाध्याय द्वारा मंत्रोचार के साथ संपन्न किया गया।

अपार शिष्यो को संबोधित करते हुए महामंडलेश्वर महंत श्री भवानी नंदन यति महाराज ने बताया कि भारतीय परंपरा में गुरु पूर्णिमा महोत्सव आर्यावर्त समाज के साथ ही पूरे देश , विश्व में मनाया जा रहा है। जीवन का वह दुर्लभ तत्व  को धरातल पर आते ही गुरु की जरूरत होती है ।संसार के नाना प्रकार के संबंधों रिश्तो को जानने के लिए गुरु खड़े होते हैं। इस सारे सवालों का जवाब गुरु देता है ।सरस्वती हमारी मां है समाज में सद्बुद्धि कर्म सत्संगी कर गुरु हुआ करते थे , धरती पर हर कण-कण ,नदी नाले, धरती में गुरु हैं। जीवन जीने के लिए हर संध्या सवेरा हम सबको ज्ञान देते हैं। धरातल के तमाम सवालों का जवाब प्रकृति देती है ,जिसे जानने के लिए वेद पुराणों मे विज्ञान , ज्ञान आदि पढ़ना पढ़ाना ही है । ।।।।परमात्मा को जानने के लिए गुरु की आवश्यकता होती है किसी भी ज्ञान देने का कार्य गुरु , सद्गुरु ही कर सकता है ।जिसके जानने के लिए यह पूरे विश्व में मनाया जा रहा है। यहां की सिद्ध पीठ में मां की भभूति लगाने से सारे कष्ट दूर हो जाते हैं। यह सिद्ध पीठ गुरुओं की पवित्र धरती है यहां की राख में भौतिक उपचार छिपा है। जिससे दरिद्रता दुख, दूर होते हैं। जिसे फल मिलता है उसे बैराग मिलता है , जिसे बैराग मिलता है उसे परमात्मा मिलता है ।भारत का सर्वश्रेष्ठ ग्रंथ वेद है ।गुरुजी ने  कहा कि बहुत कर्म करने के बाद सद्गुरु मिलते हैं ।सिद्ध पीठ में आने से सकारात्मक ऊर्जा मिलती है , विज्ञान ,ज्ञान से यहां भरा है .। परंतु ज्ञान गुरु का दिया हुआ ज्ञान होता है। परंतु गुरु के पास पहुंचने के लिए गुरु का नाम दान ही पर्याप्त है। गुरु का दिया गया ज्ञान को समझने व भगवान को पाने के लिए पलक झपकते ही भगवान मिलते हैं ।मनुष्य का धरती पर जन्म लेने का अर्थ मोझ पाना है , मोक्ष पाने के लिए सत्संग करना ,भगवान के ज्ञान पाने के लिए श्रद्धा जरूरी है। जीवन का लक्ष्य है इधर से उधर ले जाना और आना, मनुष्य के जीवन जीने का लक्ष्य ईश्वर की प्राप्ति है ।जो गुरु के ज्ञान  से भगवान की प्राप्ति होती है ।जो सनातन धर्म परंपरा में सृष्टि को जानने के लिए ज्ञान की आवश्यकता है। वह ज्ञान है  ,गुरु जी का दिया नाम दान। मंत्र की भी सिद्धि तभी होगी जब गुरु मंत्र होगा ,गुरु मंत्र नहीं मिलने पर मनुष्य निगुरा   होता है .। कहा कि बिना प्रयोजन के कोई कार्य नहीं होता। गुरु कृपा से जो दे देवें नामदान होते हैं जो  ज्ञान विज्ञान से परिपूर्ण है ।ज्ञान  कर्म के बिना ज्ञान अधूरा होता है, गुरु पूर्णिमा महोत्सव आने जाने का नहीं बल्कि आज के दिन ही शिक्षित गुरुओं के आशीर्बचन सुनकर गुरु ज्ञान लेना चाहिए। जीवन में दुर्लभ ज्ञान  धारण करें , यह दुर्लभ ज्ञान गुरु  का दिया होता है।  डॉ मंगला सिंह ने कहा कि गुरु  ज्ञान से मानव के जीवन में बदलाव हो सकता है। बस शिष्य को गुरु मे  आस्था की जरूरत है। मौके पर कार्यक्रम में देवराहा बाबा बिरनो, डॉक्टर सानंद सिंह डॉक्टर संतोष मिश्रा, हॉस्पिटल शिवानंद सिंह झुन्ना, गोपाल जी, मानवेंद्र पांडे, हरिनारायण यादव, डॉक्टर संतोष यादव ,गुजरात के नागेश्वर ज्योतिर्लिंग ट्रस्टी आनंद जी ,इंदौर के उद्योगपति पंकज , कथा वाचक डॉ मंगला सिंह, डॉ रत्नाकर त्रिपाठी ,जितेंद्र सिंह वैभव,  स्वामी अभयानंद यती , रणजीत सिंह , लवटू प्रजापति , जंगीपुर विधायक वीरेंद्र यादव ,भारतीय जनता पार्टी के जिला अध्यक्ष भानु प्रताप सिंह ,सहित काफी संख्या में अपार भीड़ रही ।जहां देर शाम तक लोगों ने प्रसाद के साथ ही महाप्रसाद का  ग्रहण किया ।


Sivprkash Pandey

Reporter - Khabre Aaj Bhi

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