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संभल : मुस्लिम और दलित एक साथ आकर कांग्रेस की सरकार बनवाने का इरादा कर चुके हैं। इन दोनों तबकों को संविधान पर मंडराते खतरे का अंदाज़ा हो गया है। उन्हें यह भी समझ में आ गया है कि बाकी पार्टियों ने मुस्लिम और दलित नेतृत्व खत्म कर दिया है। जबकि कांग्रेस ने इन दोनों वर्गों में अच्छी संख्या में नेता विकसित किए थे।
ये बातें यूपी अल्पसंख्यक कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष शाहनवाज़ आलम ने साप्ताहिक स्पीक अप कार्यक्रम की 102 वीं कड़ी में कहीं। शाहनवाज़ आलम ने कहा कि यूपी अल्पसंख्यक कांग्रेस ने 15 से 25 जून तक दलित बहुल मुहल्लों की चाय की दुकानों पर संविधान पर बढ़ते हमलों पर चर्चा कर दलितों और मुसलमानों को एक साथ कांग्रेस में आने का संकल्प दिलवाया ताकि भाजपा को फिर से 1989 की स्थिति में पहुंचाया जा सके जब भाजपा के सिर्फ़ दो सांसद होते थे।
शाहनवाज़ आलम ने कहा कि मुसलमान पूरी तरह कांग्रेस में आ चुके हैं और दलितों का साथ मिलते ही भाजपा सरकार से नाराज़ बाकी जातियाँ भी जुड़ जायेंगी। उन्होंने कहा कि भाजपा को 2019 में सिर्फ़ 37•36 प्रतिशत वोट मिले थे। 20 प्रतिशत मुसलमानों और 11 प्रतिशत जाटओं के साथ आते ही कांग्रेस के पास 31 प्रतिशत वोट हो जाएगा। ऐसा होते ही सवर्णो और पिछड़े वर्गों के 20 प्रतिशत वोट और जुड़ जाएंगे। इसतरह 51 प्रतिशत वोट के साथ एक प्रगतिशील और संविधान को मानने वाली केंद्र सरकार कांग्रेस के नेतृत्व में बन सकती है।
Reporter - Khabre Aaj Bhi
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