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जौनपुर : वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय का 26वां दीक्षांत समारोह गुरुवार को महंत अवेद्यनाथ संगोष्ठी भवन में मनाया गया। इस अवसर पर राज्यपाल श्रीमती आनंदीबेन पटेल ने सर्वोच्च अंक पाने पर मेधावियों को 66 स्वर्ण पदक प्रदान किए। दीक्षांत समारोह के मुख्य अतिथि महात्मा गांधी अन्तरराष्ट्रीय विश्वविद्यालय वर्धा के पूर्व कुलपति प्रो. गिरीश्वर मिश्र रहें।
इस अवसर पर प्रदेश की राज्यपाल एवं कुलाधिपति श्रीमती आनंदीबेन पटेल ने कहा कि देश में 65 फीसदी युवा जनसंख्या है। इसका अधिकतर भाग विश्वविद्यालय से होकर गुजरता है। युवाओं की मेधा का सकारात्मक उपयोग समाज के लिए विश्वविद्यालय को करना चाहिए। हमें विदेशों की नकल करने से अच्छा है युवाओं की सोच को विकसित कर उसका उपयोग देशहित में किया जाए। देश के प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी की भी यही चिंता रहती है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना से युवकों को स्वावलंबी बनाया जा रहा है, जब तक युवा स्वावलंबी नहीं बनेंगे तब तक देश आत्मनिर्भर नहीं बन सकता। देश में वृद्धाश्रम की बढ़ती संख्या पर उन्होंने चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि बच्चों, मां का सम्मान करना सीखों, क्योंकि बचपन में कितने कष्ट सहकर मां ने आपका पालन-पोषण किया है। मां-पिता बुढ़ापे में आपसे दूर हो, शिक्षा का सही मायने यह नहीं है। उन्होंने आंगनबाड़ी की प्रशंसा करते हुए कहा कि मां का असली रूप वहां देखने को मिलता है, वहां 50-50 बच्चों को कार्यकर्ती कैसे संभालती हैं, हमें उनसे सीख लेने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि शोध की डिजाइन और प्रस्तुतीकरण वैश्विक स्तर का हो। उन्होंने स्वास्थ्य पर चर्चा करते हुए कहा कि इसके लिए योग और मोटे अनाज का सेवन जरूरी है। इसकी जागरूकता के लिए स्कूल, कॉलेज और विश्वविद्यालय को योगदान देना होगा। छोटे बच्चों को दीक्षांत में बुलाने का मतलब उनके आगे के स्वप्न को साकार करना है। जी-20 की सोच को विस्तार से बताते हुए उन्होंने कहा कि इससे रोजगार के अवसर बढ़ेंगे। समाज से दहेज की विकृति दूर करने के लिए उन्होंने विद्यार्थियों को दहेज न लेने का संकल्प दिलाया। दीक्षांत उद्बोधन में मुख्य अतिथि महात्मा गांधी अन्तरराष्ट्रीय विश्वविद्यालय वर्धा के पूर्व कुलपति प्रो. गिरीश्वर मिश्र ने कहा कि ज्ञान-विज्ञान सेवा और जीवन मूल्यों का जो अर्जन विद्यार्थियों ने किया है उसे समाज और राष्ट्रहित में उपयोगी बनाएं। पर्यावरण पर चर्चा करते हुए कहा कि धरती रहेगी तभी मानव रहेगा, इसलिए धरती के संरक्षण पर ध्यान देना जरूरी है। उन्होंने कहा कि प्रकृति के संरक्षण के लिए विश्वविद्यालय ज्ञान और शोध में इसे शामिल करें। युवाओं के बल पर ही देश आत्मनिर्भर बनेगा इसलिए उन्हें अपनी दक्षता दिखानी होगी
दीक्षांत समारोह की शुरुआत में शोभायात्रा निकाली गई जिसका नेतृत्व कुलसचिव महेंद्र कुमार ने किया। शोभायात्रा में अतिथियों के साथ कार्य परिषद एवं विद्या परिषद के सदस्य शामिल हुए। दीक्षांत समारोह का संचालन प्रो. अजय द्विवेदी ने किया। इसके पूर्व जल भरों कार्यक्रम जल भरो गीत के साथ किया गया।
इस अवसर पर सांसद श्याम सिंह यादव, कुलसचिव महेंद्र कुमार, वित्त अधिकारी संजय राय, परीक्षा नियंत्रक बीएन सिंह, प्रो. बी. बी. तिवारी, प्रो. वंदना राय, डॉ मनोज मिश्र, डा. विजय सिंह, डा. राहुल सिंह, प्रो. अजय प्रताप सिंह, प्रो. ए के श्रीवास्तव, प्रो. अविनाश पाथर्डीकर, प्रो. राम नारायण, प्रो. देवराज सिंह, प्रो. राजेश शर्मा, प्रो. बीडी शर्मा, प्रो प्रदीप कुमार, डा. मनीष गुप्ता, एनएसएस समन्वयक डा. राज बहादुर यादव, रोवर्स रेंजर्स डा. जगदेव, प्रो. रजनीश भास्कर, डा.संतोष कुमार, डा. रसिकेश, डा. सुनील कुमार, डा. दिग्विजय सिंह राठौर, डा. अवध बिहारी सिंह, डा. जाह्नवी श्रीवास्तव, डा. अमरेंद्र सिंह, डा. मनोज पांडेय, डा. आशुतोष सिंह, सहायक कुलसचिव अमृतलाल, अजीत सिंह, बबिता सिंह, दीपक सिंह समेत आदि शिक्षक और कर्मचारी मौजूद थे।
Reporter - Khabre Aaj Bhi
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