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स्थानीय अपराध शाखा पी.एस.आई. हितेंद्र विचारे को भी आरोपों से किया बरी
मुंबई : यह पाया गया कि एग्री सेना के निमेश वासा ने पालघर पुलिस बल का मनोबल गिराने और उसकी छवि खराब करने के लिए झूठी शिकायत दर्ज कराई थी। पालघर पुलिस बल को दक्ष नगरिक सामाजिक संगठन के अनिकेत वाडिवकर की बहुमूल्य मदद कौर्ट ने दिया ।
महाराष्ट्र पुलिस अधिनियम संशोधन 2014 की धारा 22 (टी) के तहत आरटीआई गौरव सिंह की कार्यकर्ता निमेश वासा के खिलाफ मामला दर्ज करने की मांग राज्य पुलिस शिकायत प्राधिकरण मा. न्यायमूर्ति श्रीहरि दावरे की अध्यक्षता वाली खंडपीठ अदालत ने अपने अंतिम फैसले में तत्कालीन पालघर जिला पुलिस अधीक्षक श्री. गौरव सिंह व संत जी शा वसई पो. उप निरीक्षक श्री. हितेंद्र विकारे को बड़ी राहत मिली है। वहीं याचिकाकर्ता निमेश वासा को खूब फटकार लगाई है।
पालघर जिले के तत्कालीन पुलिस अधीक्षक श्री. गौरव सिंह और St.G.S. वसई के तत्कालीन पो. विषय। इंस्पेक्टर साहब प्राधिकरण के पास हितेंद्र विकारे के खिलाफ दायर शिकायत का निपटारा कर दिया गया है और मि. जस्टिस श्रीहरि दावरे ने बुधवार 30 नवंबर 2022 को एक अहम फैसला सुनाते हुए एग्री सेना और आरटीआई के कानूनी सलाहकार को पास किया. एक्टिविस्ट श्री. निमेश वासा की परिवाद याचिका खारिज की गई है। अपने 34 पेज के रिजल्ट शीट में मा. न्यायाधीश शिकायतकर्ता निमेश वासा के बारे में कई गंभीर टिप्पणियां की गई हैं।
कृषि सेना के सलाहकार निमेश वासा और उनके सहयोगी दिसंबर 2018 में अमित म्हात्रे, प्रसाद धोंड और जिनेश वासा मि.गौरव सिंह व हितेंद्र विकारे के खिलाफ राज्य पुलिस शिकायत प्राधिकरण मुंबई में एक शिकायत याचिका दायर की गई थी। उक्त याचिका में उन्होंने तत्कालीन अपर पुलिस अधीक्षक विजयकांत सागर और St.G.S. पालघर के पुलिस इंस्पेक्टर जितेंद्र वनकोटी पर भी बेहद संगीन आरोप लगाए गए थे।
सूचना का अधिकार पालघर पुलिस को वसई विरार शहर नगर निगम से सूचना मिली है कि कार्यकर्ता निमेश वासा सूचना के अधिकार का दुरूपयोग कर रहा है। इसलिए वासा के खिलाफ रंगदारी का मुकदमा दर्ज करने का आदेश सीधे गौरव सिंह ने दिया। ये आदेश गलत हैं और पालघर पुलिस की आगे की संभावित कार्रवाई से सुरक्षा पाने के लिए, साथ ही पालघर पुलिस बल की स्थानीय अपराध शाखा के अधिकारी कुछ कार्यकर्ताओं को जबरन वसूली के झूठे अपराध में फंसाने की कोशिश कर रहे हैं और अनिकेत वाडिवकर भी मदद कर रहे हैं। इन सभी के खिलाफ पालघर पुलिस की मिलीभगत निमेश वासा ने अपनी याचिका में धारा 22 (क्यू) (8) के तहत अधिकारों के दुरुपयोग का मामला दर्ज करने की मांग की थी। लेकिन इस मांग के अनुरूप मि. निमेश वासा पूरी तरह से विफल रहे।
उक्त शिकायत याचिका में प्रतिवादी क्रमांक एक गौरव सिंह और प्रतिवादी नंबर दो हितेन्द्र विकारे की ओर से अनिकेत वाडिवकर पिछले पांच वर्षों से नियमित रूप से राज्य पुलिस शिकायत प्राधिकरण कोर्ट में उपस्थित हुए। साथ ही प्रतिवादी संख्या एक व दो की ओर से निमेश वासा द्वारा लगाये गये आरोपों का लिखित उत्तर दिया गया एवं मौखिक तर्क भी प्रस्तुत किया गया।
उक्त याचिका की नियमित सुनवाई के दौरान दोनों पक्षों द्वारा समय-समय पर साक्ष्य के रूप में 950 पृष्ठों के दस्तावेज प्रस्तुत किए गए। इस साक्ष्य के आधार पर प्रतिवादी की ओर से निमेश वासा ने अपना पक्ष रखा। अनिकेत वाडिवकर कृषि सेना के पदाधिकारियों ने निमेश वासा के आरोपों को खारिज करने के लिए वसई विरार में सरकारी अधिकारियों के साथ कथित दुर्व्यवहार का वीडियो फुटेज पेश किया। सुनवाई के अंतिम दिन मा. जस्टिस हरि दावरे की कोर्ट में निमेश वासा से मुलाकात हुई।
अपने अंतिम परिणाम में माननीय। न्यायमूर्ति श्रीहरि दावरे ने स्पष्ट रूप से कहा कि निमेश वासा की शिकायत याचिका खारिज कर दी गई है। साथ ही स्थानीय क्राइम ब्रांच पी.एस.आई. हितेंद्र विकारे को भी आरोपों से बरी कर दिया गया है।
Reporter - Khabre Aaj Bhi
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