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संसद पर हुए आतंकी हमले को आज पूरे 16 साल हो गए हैं। 2001 में संसद पर हुए हमले में मारे गए लोगों को श्रद्धाजंलि देने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह, कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी समेत कई नेता पहुंचे। इस मौके पर पक्ष और विपक्ष के नेता एक साथ नजर आए। संसद परिसर में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पूर्व पीएम मनमोहन सिंह से मुलाकात भी की। उधर राहुल गांधी, भाजपा नेता रविशंकर प्रसाद और सुषमा स्वराज से मिले। इस दौरान राहुल के चेहरे पर मुस्कान थी। ऐसा लग रही नहीं रहा था कि कल तक ये नेता गुजरात विधानसभा चुनाव के लिए प्रचार के दौरान एक-दूसरे पर शब्दों के तीखे बाण चला रहे थे। केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने इस मौके पर एक बार फिर कहा कि रामसेतु के साथ कभी भी कोई छेड़छाड़ नहीं होनी चाहिए। वो भारत की सांस्कृतिक विरासत का बहुत बड़ा प्रतीक है। बता दें कि संसद पर हुए आतंकी हमले को 16 साल हो चुके हैं, लेकिन उसका जख्म आजतक देश भुला नहीं सका है। आतंकियों ने भारत के लोकतंत्र के मंदिर को चोट पहुंचाने की कोशिश की, हमारे वीर जवानों ने उनके नापाक इरादों को अपना जीवन कुर्बान करके ध्वस्त कर दिया। 13 दिसंबर, 2001 को संसद पर हुए आतंकी हमले में संसद भवन के गार्ड, दिल्ली पुलिस के जवान समेत कुल 9 जवान शहीद हुए थे। 16 साल पहले आज ही के दिन संसद पर आतंकी हमला हुआ था। सफेद एंबेसडर कार में आए सभी पांच आतंकी सेना की वर्दी में संसद भवन में दाखिल हुए थे। आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद के इन आतंकियों ने संसद भवन पर ताबड़तोड़ गोलियां बरसाईं। शुरूआत में तो समझना मुश्किल रहा कि क्या वाकई संसद भवन पर आतंकी हमला हुआ है। इस हमले को नाकाम करने में सुरक्षाबलों, दिल्ली पुलिस और हमारे जवानों को 30-45 मिनट लगे। इन 30-45 मिनटों में जो निशानी संसद पर हुआ आतंकी हमला देश को दे गया, वो आज भी मौजूद है। जवानों ने अपनी जान पर खेलकर सभी पांचों आतंकियों को मार गिराया था।
Reporter - Khabre Aaj Bhi
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