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सेवराई : स्थानीय तहसील क्षेत्र के गोड़सरा गांव के रहने वाले जैनुद्दीन उर्फ झुन्नू खां ने अपने बड़े बेटे शमशाद खां का रिश्ता देवैथा गांव(आठों घर) के रहने वाले अब्दुस्सलाम खां की बेटी से इस्लाही रश्मों रिवाज के मुताबिक मुकम्मल हुआ। दोनों परिवार माध्यम परिवर से है। शुक्रवार को निक़ाह की तिथि तय थी। निक़ाह के लिए लड़की वालों के तरफ से केवल पांच लोग गोड़सरा आए तथा नाश्ता पानी और असर नमाज के बाद मौलाना हैदर ने निक़ाह को मुकम्मल कराया। निकाह के बाद समाजसेवी मुस्लिम रजा ने कहा कि इस तरह बिन दहेज बिन बारात की होने वाली शादियों से समाज में अच्छा संदेश जाता है। गौरतलब हो कि गोड़सरा की सरजमीं से सन.1910 ई० में 'अंजुमन इस्लाह मुस्लिम राजपूत कमेटी' की बुनियाद पड़ी और पूरे 'कमसार-व-बार' में "बाबा-ए-कौम" खान बहादुर मंसूर अली के नेतृत्व में उनके मृत्यु उपरांत तक चलता रहा। लेकिन वक़्त के साथ आज इस्लाह की बागडोर डूबने के कगार पर है। हमारे कुछ इस्लाही व सामाजिक साथी 'कमसारोबार' बिरादरी की नई इस्लाह कमेटी को तैयार करने में लगे है। अल्लाह, मिशन को कामयाबी अता करे। बदरुद्दीन मेमोरियल फाउंडेशन, गोड़सरा के प्रबंध निदेशक मुहम्मद शहाबुद्दीन उर्फ 'शहाब खां' ने बताया कि इस शादी को लेकर लोग दूल्हा व उसके परिजनों की खूब तारीफ कर रहे है।
Reporter - Khabre Aaj Bhi
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