पहले घंटे के अंदर गाढ़ा पीला दूध पिलाएँ, बीमारियों को दूर भगाएँ, नवजात शिशु के लिए मां का पहला गाढ़ा पीला दूध अमृत के समान

By: Izhar
Nov 16, 2021
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गाजीपुर : शिशु मृत्यु दर में कमी लाने, नवजात शिशु की समुचित देखभाल व उसके बचपन को खुशहाल बनाने के लिए स्वास्थ्य विभाग द्वारा जागरुकता अभियान चलाए जा रहे हैं। इस क्रम में सोमवार से नवजात शिशु देखभाल सप्ताह का शुभारंभ किया गया। यह अभियान 21 नवंबर तक चलेगा। इस सप्ताह के दौरान जनसामान्य को नवजात शिशु स्वास्थ्य के साथ बेहतर देखभाल के बारे में जागरूक किया जाएगा। कंगारू मदर केयर (केएमसी) और स्तनपान को बढ़ावा देने के साथ ही बीमार नवजात शिशुओं की पहचान करने के तरीके भी बताए जाएंगे। 

मनिहारी ब्लॉक के चिकित्सा अधीक्षक व बाल रोग विशेषज्ञ डॉ प्रभाकर ने बताया कि नवजात शिशु की विशेष देखभाल जरूरी है। प्रसव चिकित्सालय में ही कराएं। प्रसव के बाद 48 घंटे तक मां एवं शिशु की उचित देखभाल के लिए चिकित्सालय में रुकना अनिवार्य है। नवजात को तुरंत स्नान नहीं कराना चाहिए। शरीर को नर्म कपड़े व गुनगुने पानी से पोछना चाहिए। जन्म के एक घंटे के भीतर मां का गाढ़ा पीला दूध शिशु को पिलाना चाहिए। वहीं छह माह तक शिशु को मां का ही दूध पिलाना चाहिए। जन्म के तुरंत बाद नवजात का वजन कराएं व विटामिन का इंजेक्शन लगवाएं। शिशु को नियमित और सम्पूर्ण टीकाकरण कराना चाहिए। शिशु का तापमान स्थिर रखने के लिए कंगारू मदर केयर (केएमसी) की विधि अपनाना चाहिए । शिशु जितनी बार चाहे दिन या रात में बार-बार स्तनपान कराना चाहिए। जिससे शिशु को कुपोषण से बचाया जा सके। 

एसीएमओ डॉ के के वर्मा ने बताया कि नवजात शिशु देखभाल सप्ताह में लोगों को जागरुक किया जाएगा। इसका उद्देश्य नवजात शिशु मृत्यु दर में कमी लाना, जन्म के तुरंत बाद स्तनपान, छह माह तक केवल स्तनपान और छह माह के बाद ऊपरी आहार देकर बच्चों को सुपोषित बनाना और शिशुओं का समय से नियमित टीकाकरण कराना आदि के बारे में विधिवत जानकारी देना है।

क्या है केएमसी विधि - बाल रोग विशेषज्ञ एवं एसीएमओ डॉ उमेश कुमार ने बताया कि कंगारू मदर केयर (केएमसी) विधि का उपयोग कम वजन के साथ पैदा होने वाले बच्चों के स्वास्थ्य में सुधार लाने के लिए किया जाता है| जन्म के समय यदि बच्चे का वजन एक सीमा से नीचे है तो इस विधि के उपयोग के लिए डॉक्टर/विशेषज्ञ सलाह दे सकता है| यह विधि त्वचा से त्वचा के सम्पर्क पर आधारित है, इसमें बच्चे को बिना कपड़े के साथ उसके माँ, पिता या घर के किसी सदस्य के सीने पर चिपका के रखा जाता है। यह ध्यान रहे कि बच्चे के शरीर का अगला हिस्सा केएमसी देने वाले व्यक्ति के सीने से सीधे संपर्क में रहे।


Izhar

Reporter - Khabre Aaj Bhi

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