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सभी स्वस्थ पीड़ितों का किया गया इलाज एवं दवा का वितरण ५० से ६० लोग हुए थे डायरिया पीड़ित
ग़ाज़ीपुर : दूषित पानी पीने की वजह से लोगों में उल्टी - दस्त की शिकायत शुरू हो जाती है, जिसे डायरिया कहते हैं | ऐसा ही कुछ पिछले तीन-चार दिन पूर्व जमानिया तहसील के सब्बलपुर खुर्द, देवरिया एवं पाह सैयदराजा गांव में देखने को मिला। इन गाँवों के करीब ५० से ६० लोगों में अचानक से उल्टी और दस्त की शिकायत शुरू हुई। शुरू में इन लोगों ने आस-पास के अप्रशिक्षित डॉक्टरों से इलाज शुरू कराया लेकिन जैसे ही इसकी जानकारी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र जमानिया और मुख्य चिकित्सा अधिकारी कार्यालय को हुई तो तत्काल यहां पर डॉक्टरों की पूरी टीम भेजकर लोगों का इलाज शुर कराया गया । जिसके चलते अब इन गांव की स्थिति सामान्य हो गई है।
चिकित्सा अधीक्षक जमानिया डॉ रवि रंजन ने बताया कि इन तीनों गांव में जैसे ही डायरिया फैलने की जानकारी हुई तत्काल डॉ आनंद कुमार, डॉ अलीना, फार्मासिस्ट सुनील भास्कर, वार्ड बॉय मधुसूदन प्रसाद, एलटी कलाधर और वह स्वयं इन तीनों गांव में उपस्थित होकर तत्काल लोगों का इलाज करना शुरू किया। उन्होंने बताया कि इन तीनों गांव में डायरिया के साथ बुखार और पेट दर्द के करीब ढाई सौ लोगों में दवा वितरण का कार्य किया गया। उन्होंने बताया कि इस दौरान इन तीनों गांव से डायरिया पीड़ित चार लोगों को जमानिया सीएचसी पर भर्ती किया गया, 6 लोगों को जिला अस्पताल भेजा गया और दो लोगों ने अपना इलाज निजी चिकित्सकों से गांव पर ही करवाया है।
मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ हरगोविंद सिंह ने बताया कि डायरिया फैलने की जानकारी जैसे ही उनके पास पहुंची उन्होंने तत्काल डॉक्टरों की टीम और दवा वितरण का निर्देश देते हुए गांव में भेजा। उन्होंने बताया कि डायरिया फैलने का जो मुख्य कारण है वह सब्बलपुर खुर्द में जल निगम के द्वारा बनवाए गए पानी की टंकी से इन तीनों गांव में सप्लाई के पानी से हुआ है। इसको लेकर अब इस पानी का सैंपल २ से ८ डिग्री के तापमान में रखकर स्वास्थ्य भवन लखनऊ जांच के लिए भेजा जा रहा है। इसके साथ ही गांव में ब्लीचिंग पाउडर का छिड़काव, क्लोरीन की गोली का वितरण एवं प्रत्येक घरों में ओआरएस के पैकेट का वितरण लगातार किया जा रहा है।
डायरिया के लक्षण-दिन में ४-५बार मल त्यागन,पतले दस्त होना,हमेशा थकान रहना, पैरों में दर्द,शारीरिक कमजोरी होना
डायरिया का उपचार- दिन में ४-५ बार ओआरएस के घोल का सेवन करना,दही और चावल का सेवन करना,फलों का सेवन करना,पानी का अत्यधिक सेवन करना,अदरक की चाय पीना
Reporter - Khabre Aaj Bhi
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