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पूर्वांचल के कार्यकर्ताओं में अपार हर्ष तिब्बत मुक्ति-यज्ञ को परिणाम तक पहुंचाने की है यह जिम्मेदारी: प्रो.जुयाल
संत कबीर नगर : भारत तिब्बत समन्वय संघ की कोर कमेटी की बैठक में प्रथम राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष के रूप में अंतरराष्ट्रीय स्तर पर ख्यातिनाम वैज्ञानिक प्रो.प्रयाग दत्त जुयाल को सर्वसम्मति से चुना गया। प्रो. जुयाल जग प्रसिद्ध पशु विज्ञानी हैं और गत वर्ष जबलपुर (मध्य प्रदेश) के नानाजी देशमुख वेटरनरी साइंस यूनिवर्सिटी के कुलपति के पद से सेवानिवृत्त हुए हैं।
प्रो. जुयाल के नाम का प्रस्ताव केंद्रीय संयोजक श्री हेमेन्द्र तोमर ने रखा, जिसे सभी सदस्यों ने सर्व सम्मति से पारित कर दिया। उत्तराखंड के मूल निवासी प्रो. जुयाल वर्तमान में देहरादून में निवास कर रहे हैं और अब तक बीटीएसएस की केंद्रीय परामर्शदात्री समिति (सीएसी) के माननीय सदस्य के रूप में नियुक्त थे।नवनियुक्त कार्यकारी अध्यक्ष के बारे में केंद्रीय संयोजक श्री तोमर ने बताते हुए कि प्रो.जुयाल की तिब्बती मामलों में सक्रियता और सूझ-बूझ के साथ काम करने की उनकी आक्रामक कार्यशैली के कारण संघ के कार्यकर्ताओं में बहुत उत्साह दिखने लगा था। इसिलिए उनके इस ऊर्जा से संघ को एक अच्छे, कुशल और परिणाममूलक नेतृत्व मिलने के विश्वास पर उन्हें कार्यकारी अध्यक्ष दायित्व सौंपा गया है।
श्री तोमर ने कहा कि इसी वर्ष मकर संक्रांति के दिन संघ की स्थापना और मार्च में सरकारी स्तर पर पंजीकरण के बाद यह नियुक्ति अत्यंत महत्वपूर्ण है।भारत तिब्बत समन्वय संघ के नवनियुक्त कार्यकारी अध्यक्ष प्रो.जुयाल ने अपने अधिकारिक बयान में कहा कि इस निर्णय को शिरोधार्य करते हुए अब तिब्बत-स्वातंत्र्य और कैलाश मुक्ति साधना में इस प्रकार लगना है कि विश्व समुदाय को इन उद्देश्यों में प्रभावी रुप से बीटीएसएस का ही कार्य दिखेगा। उन्होंने कहा कि तिब्बत की आज़ादी अब हम भारत वासियों के लिए भी बहुत महत्वपूर्ण है। चीन को अब समझना होगा कि हम आध्यात्मिक शक्ति के केंद्र भारत में जिस दिन पूर्ण जन जागरण हो जाएगा, उस दिन चीन न केवल तिब्बत छोड़ भाग खड़ा होगा बल्कि खुद भी कई भागों में विखंडित हो जाएगा।
प्रो. जुयाल ने कहा कि तिब्बती समाज को शत्रु-संघर्ष में अपना मुखर योगदान देने की आवश्यकता है क्योंकि चीन पूरी तरह से कपटी और धूर्त देश है। कार्यकारी अध्यक्ष ने कहा कि यज्ञ तो अब शुरू हुआ है तो पूर्णाहुति दे कर हम ही अब क्रांति की निर्णायक स्थिति तय करेंगे। बाबा भोलेनाथ और भगवान बुद्ध की शिक्षाओं को आत्मसात कर शत्रु शमन कर विश्वशांति स्थापित करने का संकल्प संघ का है और इसमें हम सफल होंगे।
इस अवसर पर बीटीएसएस और प्रो.जुयाल को मिल रही लगातार बधाइयों के बीच राष्ट्रीय महामंत्री द्वय विजय मान व अरविंद केशरी ने कहा कि प्रो. जुयाल जिस प्रकार तिब्बती समुदाय के लिए हितचिंतक के रूप में निरन्तर कार्य कर रहे थे, वह वास्तव में अनुकरणीय है। उनकी काम करने की सहयोगात्मक शैली ने ही सब को अभिभूत कर दिया था। देश-विदेश से और साधु-संतों से मिल रही बधाई के बीच गोरक्ष प्रांत के अध्यक्ष राम कुमार सिंह ने कहा कि यह मान बढाने वाला काम हुआ है। राष्ट्रीय नेतृत्व में प्रत्यक्ष बागडोर प्रो.जुयाल को देने से बहुत अच्छा परिणाम मिलेगा। यह विश्वास है कि संघ की गति जो पहले से ही द्रुत थी, अब महाद्रुत हो जाएगी। गोरक्ष प्रांत के संयोजक अरविन्द विक्रम चौधरी ने कहा कि देवभूमि उत्तराखंड के पंडित जुयाल जी के पाण्डित्य से संघ बहुत आगे बढ़ेगा और विश्व स्तर पर तिब्बत मुक्ति की पहचान बनेगा।
इस अवसर पर अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के पूर्व प्रमुख नवनीत मिश्र ने कहा कि प्रो.जुयाल के नेतृत्व व मार्गदर्शन में संघ शीघ्र ही अपने ऊद्देश्यो में सफल होगा।प्रो०जुयाल की नियुक्ति पर संघ के द्वि क्षेत्र संयोजक विवेक सोनी, गोरक्ष प्रांत के संरक्षक राम जन्म सिंह, पूर्व संसद सदस्य इंद्रजीत मिश्र, अवध बिहारी मिश्र, अमर राय, सुनीता श्रीवास्तव, डॉ०सोनी सिंह, श्रीमती अनिता सिंह, बलवन्त सिंह समेत अनेक लोगों ने बधाई दी है।
Reporter - Khabre Aaj Bhi
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