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By.खान अहमद जावेद
गाजीपुर : जनपद गाजीपुर का आखरी सरहदी गांव सेवराई तहसील अंतर्गत जमईयतुश्शुब्बान बारा, गाज़ीपूर के सौजन्य से "पांच रोज़ा तालीमी व तरबियती कोर्स" के समाप्त होने पर मदरसा इस्लाहिया की नई बिल्डिंग के कैंपस में एक अहम तालीमी प्रोग्राम " तालीम की अहमियत और मुस्लिम नौजवान" के टॉपिक पे रविवार को रखा गया।
आदिल खां की तिलावत से प्रोग्राम प्रारंभ हुआ सदारत मौलाना अब्दुल्लाह असरि और संचालन मौलाना सालिम आली ने अंजाम दिया। मेहमान खास डॉक्टर इमाम सरवर अपने संबोधन में कहा कि पूर्वांचल के इस पिछड़े क्षेत्र में तालीम के सिलसिले में इस कोशिश को भुलाया नहीं जा सकता है इल्म की दौलत से दुनिया में हर जगह मुकाम हासिल किया जा सकता है जिस तरह वक्त अनमोल होता है उसी तरह तालीम भी बहुत कीमती होती है । अब्दुल अज़ीज़ असरि ने तंजीम का तारूफ पेश किया।
खास स्पीकर खालिद अमीर प्रिंसिपल एमएच इंटर कॉलेज गाजीपुर अपने संबोधन में कहा कि वही कौम इल्म की शाहराह पे आगे बढ़ती है वहीं तरक्की करती है, और जो इल्म को जोड़ दे वह ज़मीन से ही मिट जाती है। तालीम के बगैर इस दुनिया में जीने का मतलब जानवर कि ज़िंदगी जीना है।तालीम का मकसद अच्छा इंसान तय्यार करना है ना की पैसा कमाने की मशीन तय्यार करना। जिस कौम ने भी इस की अहमियत को समझा वह दुनिया में अपना वजूद बाकी रख पाई। मुसलमानों के लिए जरूरी है कि वह इस की अहमियत को समझें और अपने बच्चों को इसके लिए तय्यार करें। मुस्लिम नौजवानों से कहा कि आप कौम का मुस्तकबिल हैं आप से कौम को उम्मीदें हैं इसलिए अपने किरदार और अखलाक को बेहतर बनाएं।
क्यूं की जिस कौम के नौजवान बद अखलाक व बद किरदार हो जाएं उसे कोई बर्बाद होने से बचा नहीं सकता। आप अपने माजी की तारीख को पढ़ें और समझें की आप क्या थे और आप का काम क्या है। जिस दिन आप अपनी अहमियत समझ लेंगे उस दीन आप की तकदीर का सितारा गर्दिश में आ जाएगा। इन्होंने इस बात पर जूर दिया की इस तरह के प्रोगाम बड़ी अहमियत रखते है और ये मिशन जारी रहना चाहिए।इनके सेवा हजी कुतुबुद्दीन मैनेजर, मास्टर मकसूद साहब और जनाब अहमद खां एडोकेट ने अपने खयालात का इजहार किया।इस मौके पर इम्तियाज़ खां, मंसूर खां, इब्राहीम खां, दाऊद खां, जमशेद मुन्ना, मास्टर वासिल खां,नज़ीर खां, अय्यूब नासिर और मस्लिम समाज के लोगों की काफी तादाद शरीक हो सके ।
Reporter - Khabre Aaj Bhi
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