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By.खान अहमद जावेद
गाजीपुर : उत्तर प्रदेश का पिछड़ा क्षेत्र पूर्वांचल का गाजीपुर जिला के गंगा तट पर स्थित बारा गांव मैं वर्ष १९८५ मैं कमसारोबार क्षेत्र के लोगों का एक कन्वेंशन डॉ महमूद खान के नेतृत्व मैं शादी के फिजूलखर्ची ,गलत रस्मो रिवाज ,शिक्षा से दिलचस्पी दिलाने हेतु और सामाजिक बुराइयों को समाप्त करने के लिए किया गया था lजिसमें लोगों की आम राय से फैसला हुआ था की तमाम बुराइयों का जड़ बारात है lइसलिए बिन बारात की शादी की जाए l
इस सामाजिक बुराइयों के आंदोलन को समाप्त करने का आंदोलन पूरे भारत में प्रसिद्ध हुआ लेकिन कुछ ही दिनों के बाद सर गर्मी खत्म हो गई फिर पुराने ढर्रे पर चलने लगे लेकिन कुछ समझदार लोगों ने इसे नहीं छोड़ा और बिन बारात की शादी कर के अपने फजूल रस्म रिवाज से बचते रहे ।
लेकिन विगत कुछ महीने से अब दोबारा शिक्षित युवक सामने आ रहे हैं । बिन बारात की शादी करने में अपने आप को फखर महसूस कर रहे हैं । उसी कड़ी में दिनांक १५ जनवरी के रोज प्रसिद्ध अल्पसंख्यक समुदाय बड़ागांव बारा निवासी मोहम्मद जलालुद्दीन खान की पुत्री निखत खातून की निकाह करने के लिए मात्र ५ लोग सेवराई तहसील अंतर्गत मनिया गांव बाद नमाज असर पहुंचकर शकील खान पत्र रिजवान खान से निकाह काजी अब्दुल अजीज द्वारा पढ़ाई गई l
इस अवसर पर दिल्ली इसलाहेमाशरा कमेटी के अध्यक्ष सर्फउद्दीन खान ने अपनी विशेष भेंटवार्ता ने बताया आज मुझे बहुत खुशी हो रही है । हमारे छोटे भाई की पुत्री की निकाह समाज के बनाए हुए लगभग 35 साल पहले की रोशनी पर हुई है।
इस अवसर पर मनिया गांव के प्रसिद्ध सामाजिक कार्यकर्ता इस्लाह प्रेमी मंजूर अहमद ने बताया कि हम अपने घर के माहौल को शुरू से नहीं बनाने के कारण हमें दुश्वारियां का सामना करना पड़ता है । अगर शुरू से ही अपने घरों में चर्चाएं करके वातावरण को बनाएं तो हमारा सामाजिक ताना-बाना स्थापित हो सकता है।
इस अवसर पर मुख्य रूप से अलाउद्दीन खान, अख्तर खान ,समीउल्ला खान ,निजामुद्दीन खान, एजाज खान प्रधान मनिया .आजाद खान .मंजूर खान. वकार खान. मुख्य रूप से उपस्थित थेl इस शादी की क्षेत्र में काफी चर्चा हैl
Reporter - Khabre Aaj Bhi
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