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By बजरंग बली तिवारी
गाजीपुर : करंडा थाना क्षेत्र के चोचकपुर सुआपुर गांव निवासी कमला राम गुप्ता का ईलाज कराने में कोई सहायता नही मिल रही है।
जब पत्रकार अमित उपाध्याय को पता चला कि दक्षिण भारत के हिंदी के प्रचारक रह चुके है,और आज उनकी इलाज पैसों के अभाव व गरीबी के कारण नहीं हो पा रहा है । तो संवादाता उनसे मिले और बात किए ।तो उन्होंने बताया कि मै कमला राम गुप्ता अपने जीवन में भारत देश के लिए निःस्वार्थ कार्य किए, जैसे दक्षिण भारत में हिंदी का प्रचार प्रसार किए।तब १५अगस्त १९७२ में स्वाधीनता दिवस पर भारती भूषण उपाधि मिलना था। तब मेरे पास ११ रुपए नहीं था तब मुझे उपाधि से वंचित कर दिया गया था । फिर भी मै कार्य करता रहा । कुछ समय बाद मै गाज़ीपुर आ गया तो स्वच्छता का अलख जगाने के लिए मै स्वच्छ भारत मिशन का स्वच्छता ग्राही बनकर कार्य किया।
पर अब शारीरिक व परिवारिक रूप से कमजोर होने के कारण बीमारियों से जकड़ गया और आज ये दसा है कि मै उठ और बैठ नहीं सकता हाथ ,पैर से लाचार दवा के इलाज के अभाव में एक स्थान पर बैठने को मजबूर हू। और आज तक कोई योजना का लाभ नहीं मिला क्या देश सेवा करने वालो को यही सजा मिलता है। उनका कहना है।
जनपद व देश के शासन या जनप्रतिनिधियों का दया दृष्टि पड़ता तो मै ठीक हो जाता। और ठीक होकर फिर देश के सेवा में योगदान करता ।
Reporter - Khabre Aaj Bhi
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