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मुख्य चिकित्सा अधिकारी ने मीडिया को दी जानकारी ,गाजीपुर सहित प्रदेश के आठ जिलों में चलेगा अभियान
गाजीपुर : जनपद में २१ दिसंबर से ८ जनवरी तक राष्ट्रीय फाइलेरिया उन्मूलन कार्यक्रम के तहत मॉस ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन (एमडीए २०२०) अभियान चलाया जाएगा । मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. जीसी मौर्य ने शुक्रवार को एक प्रेस वार्ता के दौरान यह जानकारी दी । यह अभियान गाजीपुर सहित प्रदेश के ८ जनपदों औरैया, इटावा, फर्रुखाबाद, कन्नौज, कौशांबी, रायबरेली एवं सुल्तानपुर में चलेगा । मुख्य चिकित्सा अधिकारी ने २१ दिसंबर से शुरू होने वाले फाइलेरिया उन्मूलन कार्यक्रम के बारे में मीडिया कर्मियों विस्तार से जानकारी दी ।
एसीएमओ डॉ डीपी सिन्हा ने बताया कि इस कार्यक्रम के अंतर्गत आशा, आंगनवाड़ी व अन्य वालंटियर द्वारा घर-घर जाकर लोगों को दवा खिलाई जाएगी। एक टीम एक दिन में २५ घरों का भ्रमण कर लक्षित समूह को दवा अपने सामने खिलाएगी । यह दवा सभी लोगों को भोजन करने के बाद दिन में 11 बजे से 5 बजे के बीच खिलाई जाएगी । इसमें डीईसी एवं एलबेंडाजोल की गोलियां लोगों की दी जाएगी। २ से ५ वर्ष की उम्र तक के बच्चों को डीईसी की एक गोली व एलबेंडाजोल की एक गोली, ६से १४ वर्ष तक के बच्चों को डीईसी की दो गोली एवं एलबेंडाजोल की एक गोली व १५ वर्ष से अधिक उम्र के लोगों को डीईसी की तीन गोली एवं एलबेंडाजोल की एक गोली दी जाएगी।
उन्होंने बताया कि दवा खिलाने का यह कार्य टीकाकरण वाले दिन को छोड़कर सप्ताह में चार दिन चलेगा । इस दौरान आशा कार्यकर्ता अपने कार्य क्षेत्र में जहां भी दवा खिलाने जाएंगी रास्ते में पड़ने वाले विद्यालयों के छात्रों को भी दवा खिलाएंगी। उन्होंने बताया कि दवा खाने के बाद यदि किसी को बुखार और चक्कर आ रहा है तो ऐसे लोगों में फाइलेरिया परजीवी का लक्षण हो सकता है। उन्हें डरने की नहीं बल्कि अपना इलाज कराने की जरूरत है।
डॉ सिन्हा ने बताया कि पिछले साल चले एमडीए प्रोग्राम में जनपद में कुल २४६० फाइलेरिया के मरीजों को चिन्हित किया गया था जिनका इलाज विभाग द्वारा किया गया जिसमें जनपद को फाइलेरिया उन्मूलन कार्यक्रम में प्रदेश ने तीसरा स्थान मिला था । वहीं इस बार कोशिश होगी कि जनपद प्रथम स्थान पर रहे। उन्होंने बताया कि दवा वितरण के दौरान मिलने वाले मरीजों का नि:शुल्क इलाज किया जाएगा। साथ ही हाइड्रोसील वाले मरीजों का नि:शुल्क ऑपरेशन भी किया जाएगा।
क्या है फाइलेरिया
इसे हाथीपांव रोग के नाम से भी जाना जाता है। यह एक गंभीर रोग है जिसके कारण शरीर के अंगों में सूजन आ जाती है। यह क्यूलेक्स नामक मच्छर के काटने से फैलता है। आमतौर पर बचपन में होने वाला यह संक्रमण लसिका (लिम्फैटिक) प्रणाली को नुकसान पहुंचाता है। फाइलेरिया से जुड़ी विकलांगता जैसे लिंफोइडिमा (पैरों में सूजन) व हाइड्रोसील (अंडकोश की थैली में सूजन) के कारण पीड़ित लोगों को इसके कारण आजीविका एवं काम करने की क्षमता प्रभावित होती है।
आज के कार्यक्रम में एसीएमओ डॉ केके वर्मा, डॉ प्रगति कुमार ,डब्ल्यूएचओ के इशांक कागरा,पाथ के डॉ दीपक, मलेरिया विभाग से प्रभारी संजीव सिंह, अंकिता,दीपक राय ,एमवाईसी इमाम सिद्दीकी ,डॉ राजेश ,डॉ मुंशीलाल, यूएनडीपी के प्रवीण उपाध्याय आदि मौजूद रहे।
Reporter - Khabre Aaj Bhi
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