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By : खान अहमद जावेद
उत गाजीपुर : अखिल भारतीय किसान संघर्ष समिति गाज़ीपुर की बैठक भारद्वाज भवन में आज आयोजित हुई lजिसमें दिल्ली और देश भर में चल रहे किसान आंदोलन के मद्देनजर गाज़ीपुर में १४ दिसम्बर को किए गए कार्यक्रम में शामिल और प्रशासनिक दमन के बावजूद गिरफ्तारी देने वाले साथियों का गर्मजोशी भरा स्वागत किया गया। बैठक में शामिल वक्ताओं ने एक स्वर से दिल्ली किसान आंदोलन को बदनाम, कमजोर और विभाजित दिखाने की मोदी सरकार और भाजपा की कुटिल चाल की तीखी आलोचना की गई। वक्ताओं ने कहा कि यह एक ऐतिहासिक किसान आंदोलन है। मोदी सरकार तीनों काले कृषि कानूनों के जरिए देश की खेती को कंपनियों के हवाले और किसानों को उनका गुलाम बनाना चाहते हैं। देश का किसान इसको कत्तई बर्दास्त नहीं करेंगे। आंदोलन का लगातार विस्तार हो रहा है। भारी दमन के बावजूद उत्तर प्रदेश में किसान आंदोलन में हैं। यहां किसान ,नेताओं की नजरबंदी और हिरासत में लेने के बावजूद भारी संख्या में सड़कों पर उतर रहे हैं। नेताओं ने कहा कि मोदी सरकार को इन तीनों काले कानूनों और बिजली बिल २०२०को रद्द करना होगा। बैठक में ए आई के एस सी सी के आवाहन के तहत २० दिसम्बर को आंदोलन में शहीद हुए किसानों को गाज़ीपुर के गांव गांव में शोक सभा आयोजित कर श्रद्धांजलि अर्पित की जायेगी और सरकार का पुतला दहन किया जायेगा। आन्दोलन के अगले चरण में ५ जनवरी २१ को किसान जिला मुख्यालय पर प्रदर्शन करेंगे। बैठक में प्रमुख रूप से अखिल भारतीय किसान महासभा के राष्ट्रीय सचिव श्री ईश्वरी प्रसाद कुशवाहा, अखिल भारतीय किसान सभा के प्रदेश सचिव सह पूर्व विधायक राजेंद्र यादव, कृषि भूमि बचाओ संघर्ष मोर्चा के रामाश्रय यादव, रामकृत जी, राम दरश, घूरा यादव, जिलाध्यक्ष रामकेर यादव, योगेंद्र भारती, बी के यू के नेता बाबूलाल मानव, पारस यादव आदि मौजूद थे।
बैठक की अध्यक्षता विजय बहादुर सिंह और संचालन जनार्दन राम ने किया।
Reporter - Khabre Aaj Bhi
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