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By:जावेद बिन अली
गाजीपुर : कोरोनावायरस ने जहां तक तबाह किया और जिसने लॉकडाउन में इस लॉक डाउन का फायदा उठाया है वह आगे बढ़ा है। जनपद मुख्यालय से लगभग २७ किलोमीटर दूर मोहम्मदाबाद थाना अंतर्गत नथथनपुर उर्फ म्हरूपुर के ग्रामवासी स्वर्गीय हाफिज अबुल हसन खान जब कोलकाता में उन्हें पुलिस की नौकरी मिल गई। पुलिस की नौकरी करते हुए,उन्होंने कुरान को जवानी याद करके पूरे क्षेत्र का नाम कोलकाता में रोशन किया थाl और यह खानदान दीनी तालीम के लिए प्रसिद्ध हो गयाl मौलाना फिदा हुसैन वारसी के छोटे साहबजादे जो दारुल अशरफिया मुबारकपुर में मौलवी की तीसरी जमात में शिक्षा ग्रहण कर रहा था । लेकिन लॉकडाउन के कारण घर आने के बाद कुरान को याद करना शुरू किया और ४ माह में याद करके एक कीर्तिमान स्थापित किया है । इस खुशी में नई मस्जिद महरूपुर में दस्तारबंदी का आयोजन किया गया
यह आयोजन अल्लामा मोहम्मद अहमद मिस्बाही नाजिम तालीमात जामिया अशरफिया अशरफया के सरपरस्ती में किया गया ।इस अवसर पर मुख्य वक्ता अल्लामा मसूद अहमद बरकाती ने कहा कि मौत वक्त से पहले नहीं आएगी। मोहम्मद सल्लल्लाहो सल्लम ने साफ लफ्जो में कह दिया है जिसने अपने मां-बाप ,रिश्तेदारों और पड़ोसियों के साथ अच्छा व्यवहार करेगा वह अपने रोजी रोटी और सेहत के लिए फिक्र ना करें आज पूरी दुनिया कोरोनावायरस से परेशान है। लेकिन हमें पैदा करने वाले परमात्मा (अल्लाह) के कुदरत पर भरोसा कम! अपनी विज्ञान पर ज्यादा भरोसा है! जिस दिन कुदरत के विज्ञान पर भरोसा और मोहब्बत आपस में हो जाएगी !तमाम समस्याएं समाप्त हो जाएंगे!
इस अवसर पर मौलाना फिदा हुसैन ने कहा कि मैंने कुछ नहीं किया है। अल्लाह ने जो चाहा है। कर दिखाया है। उसकी मर्जी से मेरे बच्चे ने ४ माह में कुरान को याद करके हाफिज बन गया है । मैं अल्लाह से दुआ करता हूं हम सबको कुरान की रस्सी को मजबूती से थामने के लिए शक्ति प्रदान कर दे। इस दस्तारबंदी का आयोजन हाफिज सनाउल्लाह तिलावते कलाम पाक और नात अब्दुल सलाम,अब्दुल कयूम,शमीम रानीपुरी,सनाउल्लाह नक्शबंदे के नात पाक से किया गया ।
इस अवसर पर मौलाना ताज मोहम्मद बगदादी , मौलाना इसरार अहमद, मौलाना सरफराज अहमद, मुफ्ती नसर अहमद ,मौलाना रियाज अहमद मौलाना मोहम्मद सालेह फैजी,कारी अफरोज,मौलाना शोएब आदि के साथ प्रधान नदीम अहमद,शकील अहमद सिद्दीकी,मोहम्मद अली खान,एडवोकेट अब्दुल्ला, हाफिज क्यामुद्दीन खान, अदनान रजा, मोहम्मद शौकत खान मुख्य रूप से उपस्थित थे जलसे की अध्यक्षता अल्लामा मोहम्मद अहमद मिस्बाही और संचालन अमजद रजा बनारसी द्वारा किया गया।
Reporter - Khabre Aaj Bhi
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