कोरोना के इलाज के नाम पर प्राइवेट अस्पताल कर रहे जाम कर लूटपाट .

By: Rizwan
Jun 11, 2020
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एमएच साबूसिद्दीकी मैटरनिटी एंड जनरल अस्पताल ने चार घंटे मे ४५ हज़ार ५,५० रुपये का बिल 

मुंबई : हालांकि कॉविड-19 इलाज के लिए मरीजों से अधिक शुल्क वसूलने वाले प्राइवेट  अस्पतालों के खिलाफ शिकायतें लगातार आती रहती हैं, वहीं बृहन्मुंबई महानगर नगरपालिका (बीएमसी) ने पांच आई  ए एस ऑफिसर को निजी अस्पतालों में बेड सुनिश्चित करने का जिम्मा सौंपा है, जिन्हें कॉविड-19 मरीजों को उपलब्ध कराया जाता है । इसके बावजूद, कुछ निजी अस्पताल एक दिन में 50 हज़ार  रुपये से अधिक रोगियों से शुल्क लेना जारी रख रहे हैं। बढ़ी हुई कीमतों का एक कारण यह है कि अस्पताल राज्य के दिशा-निर्देशों की अनदेखी कर रहे हैं और पीपीई, पेसमेकर, स्टेंट, कैथेटर और मेडिकल प्रत्यारोपण जैसी वस्तुओं के लिए शुद्ध खरीद लागत का 10% से अधिक शुल्क लेना जारी रखे हुए हैं ।

2 जून को ३६ वर्षीय आसमा अनवर शेख को शाम करीब चार बजे एमएच साबू सिद्दीकी मैटरनिटी एंड जनरल अस्पताल मुंबई  में भर्ती कराया गया था । प्रवेश के लगभग 4   घंटे बाद २  जून को ही  मृत घोषित कर दिया गया । शेख के परिवार पर 45,550 का बिल  लगाया गया था। अस्पताल के बिल में शुल्क "डिस्पोजेबल Covid" के लिए 4, हज़ार शामिल; "डिस्पोजल किट" के लिए 12 हज़ार डिस्पोजेबल मास्क के लिए 3 हज़ार आईसीयू में बिस्तर के लिए 7,हज़ार ५००  चार्ज करने के अलावा, अस्पताल ने वेंटिलेटर के लिए 3 हज़ार ऑक्सीजन के लिए  3,010 और इंटुबेशन के लिए 3,हज़ार चार्ज किया। अस्पताल के प्रशासन प्रमुख  ने कहा, हमने प्रोटोकॉल के अनुसार मरीज को चार्ज  लगाया है। हम अपनी जेब से डिस्पोजेबल वस्तुओं के लिए पैसे का भुगतान नहीं कर सकते । और इस वक़्त कोई ड्यूटी पर नहीं आ रहे है हमे डबल पगार देना पड़ रहा है पुरे स्टाफ को तो इतना खर्च आता है  

जब परिवार के रिश्तेदार से बात किया गया तो उन्होंने कहा के यह कोरोना बीमारी जो आई है वह प्राइवेट अस्पताल के लिए बिज़नेस लाई  है क्यू की  आप खुद सोचो है की 4 घंटे में *एमएच साबूसिद्दीकी मैटरनिटी एंड जनरल अस्पताल*  ऐसा क्या इलाज कर दिया के 45,हज़ार 500 का बिल हमे भरने को दे दिया सरकार  को इस पर धयान देना चाइये वरना लोग  भुक मरी के साथ साथ अपना इलाज बी नहीं करा सकते ।  आसमा अनवर शेख  के रिस्तेदार ने बताया के  ज्यादा पैसा वसूलने में चेंबूर का साई हॉस्पिटल भी किसी से पीछे नहीं है. 31 मई को जब आसमा को 2 दिन तक आईसीयू में रखने के लिए बिल दिया 70 हज़ार का  सुन कर होश उड़ गए थे । चेंबूर  का साई हॉस्पिटल एक और मामला प्रकाश  आया है मानखुर्द की महिला का बिल  ५लाख ९५ हज़ार  किया  था महिला की मौत के बाद शव नहीं देने का आरोप लगाया गया था । इससे यह साबित होता है के यह बीमारी गरीबो के लिए नहीं है.परिवार का कहना है के सरकार  को  इन प्राइवेट हॉस्पिटल पर नज़र रखना चाहिये जिससे यह लोग गरीबो को  नहीं लूट सके। 


Rizwan

Reporter - Khabre Aaj Bhi

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