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मुंबई: ई.व्ही.एम और व्हीव्हीपॅट अकेली मशीनें हैं। उनके पास किसी भी रेडियो तरंगों को प्राप्त करने या प्रसारित करने की क्षमता नहीं है। ये उपकरण किसी भी वायरलेस, वायर, इंटरनेट, वाईफाई या किसी अन्य बाहरी डिवाइस द्वारा कनेक्ट या नियंत्रित नहीं किए जा सकते हैं। इसलिए, मतदान केंद्र पर जैमर लगाने की आवश्यकता नहीं है, मुख्य चुनाव अधिकारी ने कहा। यह स्पष्टीकरण मतदान केंद्र और अन्य मुद्दों पर 'नेटवर्क जैमर' के मुद्दे पर कांग्रेस पार्टी की मांग के संबंध में किया गया है। यह आगे बताता है कि मतगणना फिर से की जाती है। उस दौर के परिणाम घोषित होने के बाद ही मतगणना के अगले दौर को ई.व्ही.एम काउंटिंग सेंटर में लाया जाएगा। ईवीएम में मतदान करने के लिए मतदान केंद्रों पर वीवीपीएटी में मतदाताओं को वोट दिया जाता है। इसके लिए सुप्रीम कोर्ट द्वारा अपनाई गई प्रक्रिया का पालन किया जाता है। मतदान केंद्रों का चयन उम्मीदवारों या उनके प्रतिनिधियों और निरीक्षकों की उपस्थिति में किया जाता है। पुन: मतगणना का प्रावधान चुनाव संचालन नियम, 1961 के 'नियम 56-डी' के अनुसार निर्धारित किया गया है। तदनुसार, आवश्यकतानुसार कार्रवाई की जाती है।
सुप्रीम कोर्ट ने भारत सरकार और अन्य के खिलाफ चंद्रबाबू नायडू और अन्य की रिट याचिका को बरकरार रखा। दिनांक 273/2019। मुख्य निर्वाचन अधिकारी कार्यालय ने बताया कि 8 अप्रैल, 2019 के परिणाम के अनुसार, प्रत्येक निर्वाचन क्षेत्र में 5 व्ही.व्ही.पॅट के वोट सत्यापित हैं।
Reporter - Khabre Aaj Bhi
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