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मऊ | रेलवे ट्रैक पार करने के लिए बने जिले के आधा दर्जन समपार अभी भी मौत को दावत दे रहे है । इन्हे लेकर स्थानीय रेलवे प्रशासन की ओर से अलर्ट जारी कर दिया गया है । चार दिसम्बर 2014 को जिले के खुरहट के पास महसो गांव में बने समपार को पार करने की जल्दबजी और कान में ईयर फोन लगे होने के चलते स्कुल वैन दुर्घटनाग्रस्त हो गयी थी तमसा पेसेंजर से टकराने के बाद स्कूली वैन हवा में कई बार उलट ~पलट कर गिरी थी , जिसमे मौके पर ही पांच और अस्पताल में इलाज के दौरान चार बच्चों ने दम तोड़ दिया था । इस घटना से गांव वाले अभी तक उबर नहीं पाये है । हालांकि महासो के समपार पर गेट लगा दिया गया है । लेकिन जब भी वे माताए किसी रेलवे के समपार से गुजरती है । उनके आसु ढुलकने लगते है । महासो रेल दुर्घटना के समय जिले में कुल 42 रेलवे के समपार ऐसे थे , जो मौत को निमंत्रण दे रहे थे। इनमे से 36 पर या तो गेट लगा दिए गए या अंडरपास बनाकर शेष को बंद कर दिया गया ।लेकिन जिले में पिपरिडीह का गेट नम्बर छह , बेलचौरा , करवनिया , काझाखुर्द , सहित आधा दर्जन समपार अभी ऐसे है , जहाँ शीघ्र करवाई नहीं की गई तो फिर कोई कुशीनगर जैसी दुर्घटना हो सकती है ।
Reporter - Khabre Aaj Bhi
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