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11 हाफिज ए कुरान को धर्म गुरुओं द्वारा पगड़ी बांध कर उन्हें प्रमाण पत्र दे कर सम्मानित किया गया
सेवराई/ग़ाज़ीपुर : सेवराई तहसील क्षेत्र के ग्राम उसिया स्थित दारुल उलूम अहले सुन्नत फैज़ुर रसूल , उसिया ग़ाज़ीपुर के प्रांगण में शनिवार को फैजुल रसूल कांफ्रेंस व जल्स ए दस्तार बन्दी प्रोग्राम का आयोजन संम्पन हुआ। जिसमें उक्त मदरसे से कुरान हिफ़्ज़ करने की शिक्षा प्राप्त कर चुके ग्यारह हाफिज ए कुरान को धर्म गुरुओं द्वारा पगड़ी बांध कर उन्हें प्रमाण पत्र दे कर सम्मानित किया गया। कार्यक्रम की अध्यक्षता मौलाना रियाज हुसैन शम्सी व सैयद मोजीबुरहमान चिश्ती गौसी धावा शरीफा ने किया। कार्यक्रम का शुभारंभ कारी इमरान ने तिलावते कुरआन से किया। आए वक्ताओं ने मदरसा दारूल उलूम अहले सुन्नत फैजुर रसूल के उसिया दस्तारबंदी शौकत अली, मोहम्मद रुमान, काशीफ रज़ा, मोहम्मद इब्राहिम खान, मोहम्मद मोअज्जम अली, मोहम्मद अर्श अहमद, मोहम्मद अशरफ रज़ा, मोहम्मद साहेब रज़ा, मोहम्मद शाद आरफी, मोहम्मद तहज़ीब रज़ा, मोहम्मद अरबाज को फूल प्रमाण व माला पहनाकर कर सम्मानित किया गया।
इस कांफ्रेंस में मुख्य वक्ता के रूप में उपस्थित हज़रत अल्लामा व मौलाना नोमान अख्तर फायकुल जमाली ने सम्बोधित करते हुए कहा कि हमें अपने बच्चों को दीनी तालीम के साथ ही दुनियावी तालीम भी हासिल करानी चाहिए. उन्होंने नशे को जड़ से खत्म करने की भी अपील की. उन्होंने कहा कि इस्लाम धर्म दूसरे धर्मों को बुरा कहने की इजाजत नहीं देता है. जब इंसानी समाज में बुराइयां दिखायी देने लगे तो, तब हमें अल्लाह के गुस्से का शिकार होना पड़ता है. अगर हमें अमन और चैन से रहना है, तो समाज में फैली बुराइयों को दूर करना होगा.बुजुर्ग वली ईश्वर के काफी निकट होते है। जिनसे ईश्वर अथाह प्रेम करता है। उसी मनुष्य को ईश्वर की निकटता की प्राप्ति होती है जो ईश्वर के आदेशों का पालन करता है।उन्होने कहा कि वली ईश्वर की प्रसन्न्ता के लिए सब कुछ त्याग कर न सिर्फ उसकी भक्ति में लीन रहते है बल्कि उसके आदेशों के पालन करते हुए मानव कल्याण का कार्य करते हैं।हम ईश्वर के वलियों से प्रेम करते है औऱ उनके मार्गदर्शन का अनुशरण करते है।इस लिए हमें चाहिए कि मानव समाज की कल्याण के लिए निरन्तर प्रयास करते रहें। मानव कल्याण करना ही मानव का असल दायित्व है
अपने सम्बोधन में हज़रत अल्लामा व मौलाना शहादत हुसैन ने अपने सम्बोधन में कहा कि मुख्य अतिथि मौलाना ने कहा कि कुरान केवल मुसलमान के लिए ही नहीं, दुनिया के इंसानों की रहनुमाई के लिए हैं. अगर जिंदगी में सफल होना चाहते हैं, तो कुरान की रस्सी को मजबूती से पकड़ना होगा, क्योंकि कुरान हर जगह तुम्हारी रहनुमाई करेगा. उन्होंने कहा कि इल्म वह दौलत है, जो बांटने से और ज्यादा बढ़ती है. यह हमारे लिए अल्लाह का इनाम हैं।इस्लाम धर्म में मानवता की शिक्षा दी जाती है। मदरसे से शिक्षा प्राप्त करने वाले बच्चे पूरी दुनियां में मानवता का संदेश देने के कार्य लगे रहे हैं।यह हमारी भी जिममेदारी है।उन्होंने कहा कि आज इंसान पर विभिन्न प्रकार की परेशानियां से घिरा हुआ है। इसका कारण मानवता के सन्देश से अज्ञानता है। वलियों व बुजुर्गों से हमारी सच्ची लगाव तभी सम्भव है जब हम उसके मार्गदर्शन का अनुशरण करते हुए मानव कल्याण के कार्य करेंगे।कुरआन घर की अलमारी में रखने के लिए नहीं है बल्कि पढ़ने के लिए है लेकिन आज लोग कुरआन की तिलावत के लिए रमजान का इन्तेजार करते हुए। जब की कुरआन हमारी आखिरत और दुनिया दोनों को बेहतर बनाता है । इसलिए अपने बच्चों को कुरआन की तालीम जरूर दें, क्योंकि मदरसे में वही बच्चे कुरआन की तालीम हासिल करने आते हैं।जिन को अल्लाह चुन लेता है।इस दौरान उलमा ने इस्लाम के बताए रास्ते पर चलने का आह्वान कियानमाज़ और अल्लाह का ज़िक्र करने की नसीहत करते हुए सभी से दीन के रास्ते पर चलने की अपील की।
वहीं असद इकबाल कलकत्तवी, गुलाम नूरे मुजस्म , इमरान हनीफ, ने लोगों की वाहवाही बटोरी। सुनने के लिए लोगों की भीड़ उमड़ पड़ी। सुनने के लिए रातभर लोग डटे रहे कार्यक्रम का संचालन नज़्म शम्सी फूलपुर इलाहाबाद ने किया। मदरसा दारूल उलूम अहले सुन्नत फैजुर रसूल के सदर कमेटी व शिक्षक हाजी नवाब खान, हाजी शरफराज खान,वशीम खान, शाहजहां खान,कारी परवेज खान, कारी शाकिर हुसैन, मुफ्ती वसीम मिसबाही, मौलाना तौसीफ रजा सादी, मौलाना गुलाम हसनैन, मौलाना शौकत मिसबाही, मौलाना जैनुल आबेदीन,मदरसा के प्रधानाचार्य मुफ्ती वसीम मिसबाही ने जल्से में आए सभी वक्ताओं एवं ग्राम वासियों को मुबारकबाद दिया। हाफीज़ सुहैल (बाबा) मौलाना अली अकबर ,हाफीज़ असफाक , हाफिज मोइन रज़ा,हाफीज़ नुरैन ,कारी हैदर, हाफीज़ सहबान, मौलाना कलीमुद्दीन शम्सी,हाफीज़ आदाब,कारी वहाबबद्दीन, मौलाना सुफियान, आदि लोग उपस्थित रहे।
Reporter - Khabre Aaj Bhi
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