भारत को खानें वाले तेलों में आत्मनिर्भर बनाने के लिए केन्द्र सरकार का राज्यों से जोरदार प्रयास करने का आग्रह

By: Surendra
Jan 12, 2025
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मुंबई : कनफेडरेशन ऑफ़ आल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) के उपाध्यक्ष एवं ठाणे जिला होलसेल व्यापारी वेलफेयर महासंघ अध्यक्ष श्री सुरेश भाई ठक्कर ने कहा  केन्द्रीय कृषि मंत्री ने राज्य से आग्रह किया है कि खानें वाले तेलों व तिलहनों की पैदावार में आत्मनिर्भरता हासिल करने तथा विदेशों से आयात पर निर्भरता घटाने के लिए खाने वाले तेल व  भारत में पाम की खेती पर गठित राष्ट्रीय मिशन के साथ पूरा सहयोग किया जाए और खासकर पाम की खेती का रकबा में विकास व विस्तार पर विशेष ध्यान दिया जाए कृषि मंत्री का कहना था कि समेकित प्रयासों एवं नव सृजनात्मक उपायों के माध्यम से इस महत्वपूर्ण लक्ष्य को हासिल किया जा सकता है भारत दुनिया में खाने वाले तेलों का सबसे प्रमुख आयातक देश बना हुआ है और यहां आयात होने वाले खाने वाले तेलों पर हर साल खर्च उछलकर 16 अरब डॉलर के करीब पहुंच गया है राष्ट्रीय अर्थ व्यवस्था पर इसका प्रतिकूल असर पड़ रहा है स्वदेशी किसानों की आमदनी बढ़ाने के लिए तिलहनों की पैदावार में भारी इजाफा होना आवश्यक है इससे जहां क्रशिंग-प्रोसेसिंग इकाइयों को पर्याप्त क्वांटिटी में कच्चा माल प्राप्त होगा और उसकी क्रशिंग-प्रोसेसिंग क्षमता से ज्यादा से ज्यादा उपयोग हो सकेगा वहीं देश से डीओसी का निर्यात बढ़ाने में भी सहायता मिलेगी भारत में साल 2025-26 तक पाम का बागानी रकबा बढ़ाकर 6 लाख 50 हजार हेक्टेयर पर पहुंचाने का लक्ष्य रखा गया है मगर इसके लिए राज्य लेवल पर समुचित प्रयास नहीं हो रहा है पूर्वोत्तर राज्यों में ऑयल पाम की अच्छी खेती होने की गुंजाईश है जबकि दक्षिण भारत के तेलंगाना आंध्र प्रदेश तमिलनाडु कर्नाटक एवं पांडिचेरी में जलवायु इसके लिए अनुकूल है।


Surendra

Reporter - Khabre Aaj Bhi

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