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By : Rizwan Ansari
गाजीपुर के नवीन स्टेडियम के बारे में, जिसे लेकर हाल ही में एक नया विवाद खड़ा हो गया है।
गाजीपुर : जिले में बने इस नवीन स्टेडियम को उत्तर प्रदेश सरकार ने खिलाड़ियों की प्रतिभा को बढ़ावा देने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम माना था। लेकिन, अब यह स्टेडियम एक नए विवाद का कारण बन गया है।
स्थानीय खिलाड़ियों का कहना है कि उन्हें नवीन स्टेडियम में जाने की अनुमति नहीं दी जा रही है। जबकि खेल विभाग ने कुछ चयनित खिलाड़ियों को अंदर प्रैक्टिस करने की इजाजत दी है, लेकिन अन्य खिलाड़ियों को बाहर रखा गया है।
हमारे साथ अन्याय हो रहा है। हमें खेलने का मौका नहीं मिल रहा, जबकि हम इस स्टेडियम के हकदार हैं।
यह एक बड़ा धोखा है। हम यहां के स्थानीय खिलाड़ी हैं, और हमें हमारा हक नहीं मिल रहा।
खेल विभाग का कहना है कि स्टेडियम का हैंडओवर अभी तक पूरा नहीं हुआ है और इसका संचालन अभी कुछ खिलाड़ियों और कोचों के द्वारा किया जा रहा है। उनका कहना है कि प्रैक्टिस के लिए चयनित खिलाड़ियों को ही भीतर जाने की अनुमति दी जा रही है, जबकि बाकी खिलाड़ियों को अभी इंतजार करना होगा।
स्थानीय खिलाड़ियों का यह विरोध केवल एक स्टेडियम के भीतर की जगह तक सीमित नहीं है, बल्कि यह एक बड़े सवाल की ओर इशारा करता है। क्या हमारे खिलाड़ियों को उनके हक से वंचित किया जा रहा है।
गाजीपुर का नवीन स्टेडियम एक उम्मीद का प्रतीक था, लेकिन अब इसे लेकर सवाल उठ रहे हैं। क्या खेल विभाग स्थानीय खिलाड़ियों के साथ अन्याय कर रहा है, या उन्हें सही तरीके से तैयार किया जा रहा है? इस पर आपका क्या कहना है।
Reporter - Khabre Aaj Bhi
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