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सेवराई/गाजीपुर : आज के परिवेश में यूपी सरकार जहां स्वास्थ्य व्यवस्थाओं को स्वस्थ दुरुस्त बनाने का दावा कर रही है वहीं दूसरी ओर एक बहुत बड़ी आबादी को प्रभावित करने वाले इलाके में भी चिकित्सकों का ना होना यूपी सरकार के इस दावे का पोल खोल रहा है। जी हां हम बात कर रहे हैं सेवराई तहसील की जहां अस्पताल के नाम पर कंक्रीट की इमारत तो हैं पर सुविधाओं के नाम पर वहां ना कोई डॉक्टर है और ना ही दवाइयां। इस आशय की जानकारी सीएमओ को देने के बावजूद भी अभी तक सम्बंधित प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रो पर डॉक्टर की तैनाती नहीं की गई है। जैसे क्षेत्र के लोगों को स्वास्थ्य सुविधाओं के लिए सुदूर तहसील मुख्यालय अथवा निजी नर्सिंग होम में जाने को विवश होना पड़ता है।
सेवराई तहसील मुख्यालय स्थित सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र भदौरा से करीब 7 किलोमीटर दूर कर्मनाशा के तट पर बसे देवल, सुरहा, लहना, बरेजी, आदि गांव के लोगों को स्वास्थ्य सुविधाएं मुहैया कराने के उद्देश्य से विभाग के द्वारा प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र बनाया गया था जहां अस्पताल ओपीडी, चिकित्सक भवन सहित लाखों रुपए की लागत से कोविड भवन का निर्माण कार्य कराया गया है। पहले इस अस्पताल पर एक आयुष चिकित्सक की तैनाती भी की गई थी। लेकिन बीते 31 जुलाई को आयुष चिकित्सक को अवकाश प्राप्त होने के बाद से है प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पर एक भी चिकित्सा की तैनाती नहीं की गई है जिससे संबंधित क्षेत्र के मरीजों को अपने इलाज के लिए परेशान होना पड़ता है।
वहीं प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र गहमर, प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र बारा, और प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र दिलदारनगर पर भी कोई चिकित्सक की तैनाती नहीं की गई है। जब के शासन के द्वारा प्रत्येक रविवार को सभी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पर जन आरोग्य मेला का आयोजन कर लोगों को मुफ्त और बेहतर इलाज का दावा किया जाता है।इस बाबत सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र भदौरा के प्रभारी चिकित्सा अधिकारी डॉक्टर धनंजय आनंद ने बताया कि प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र देवल, बारा, दिलदारनगर और गहमर पर किसी भी चिकित्सक की तैनाती नहीं है। जिसकी जानकारी विभागीय उच्चाधिकारियों को पत्राचार के माध्यम से कराते हुए चिकित्सकों की तैनाती की मांग की गई है।
Reporter - Khabre Aaj Bhi
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