टीबी उन्मूलन को लेकर स्वास्थ्य विभाग के साथ महर्षि विश्वामित्र मेडिकल कॉलेज भी प्रयासरत

By: Khabre Aaj Bhi
Apr 10, 2024
44


टीबी मरीजों के निदान एवं उपचार के लिए कॉलेज का डीआरटीबी क्लीनिक बनेगा सहायक

कॉलेज के फेकल्टी शिक्षक, शोध व नए स्नातक विद्यार्थियों का दो दिवसीय प्रशिक्षण शुरू

डीएसटीबी व डीआरटीबी मरीजों के निदान एवं उपचार, बच्चों में टीबी को लेकर दिया प्रशिक्षण  

गाज़ीपुर : राष्ट्रीय क्षय उन्मूलन कार्यक्रम (एनटीईपी) के अंतर्गत वर्ष 2025 तक टीबी उन्मूलन का लक्ष्य रखा गया है। इसके लिए महर्षि विश्वामित्र स्वशासी राज्य चिकित्सालय महाविद्यालय का पूरा सहयोग मिलना बहुत जरूरी है। इसी के मद्देनजर मेडिकल कॉलेज में बुधवार से दो दिवसीय प्रशिक्षण कार्यशाला का शुभारंभ कॉलेज के कार्यवाहक प्रधानाचार्य प्रो डॉ नीरज पांडेय, मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ देश दीपक पाल एवं प्रो डॉ चंद्र मौली शर्मा के द्वारा किया गया। कॉलेज के सभी फेकल्टी शिक्षक, जूनियर व सीनियर शोध विद्यार्थियों एवं प्रशिक्षु (नए स्नातक) विद्यार्थियों को प्रशिक्षण दिया गया।


सीएमओ डॉ देश दीपक पाल ने कहा कि यदि ज़िले के 20 से 30 प्रतिशत टीबी मरीजों का उपचार मेडिकल कॉलेज के माध्यम से किया जाए तो वर्ष 2025 तक लक्ष्य पूरा करना आसान होगा। कॉलेज के सभी विभागों से टीबी मरीजों के लिए छह माह तक चलने वाले ड्रग रेजिस्टेंस टीबी क्लीनिक (डीआरटीबी) को क्रियाशील करना बहुत जरूरी है। सभी मरीजों का निक्षय पोर्टल पर नोटिफाई होना जरूरी है। 

कार्यवाहक प्रधानाचार्य/उप प्रधानाचार्य प्रो डॉ नीरज पांडेय ने कहा कि मेडिकल कॉलेज के किसी भी विभाग के डॉक्टर यदि किसी मरीज का टीबी के लिए इलाज कर रहे हैं तो उनका नोटिफिकेशन निक्षय पोर्टल पर अवश्य करवाएं। ऐसा होने से मरीज को इलाज के दौरान प्रति माह 500 रुपए तो मिलेगा ही साथ में डॉक्टर को भी मरीज का नोटिफिकेशन करने पर 500 रुपए और दवा का कोर्स पूरा होने व निक्षय पोर्टल पर अपडेट करने पर प्रति मरीज 500 रुपए मिलेगा। इसके अतिरिक्त उन्होंने स्कूलों, महाविद्यालयों तथा जनमानस को टीबी के प्रति जागरूक करना भी आवश्यक है। 

कॉलेज के सहायक आचार्य जनरल मेडिसिन डॉ धनंजय कुमार वर्मा ने ड्रग सेंसेटिव टीबी (डीएसटीबी) मरीजों के निदान व उपचार के बारे में प्रशिक्षण दिया। बलगम एकत्रीकरण को लेकर डॉ शिवेंद्र दत्त शुक्ला ने विस्तार से प्रशिक्षण दिया। ड्रग रेजिस्टेंट टीबी (डीआरटीबी) मरीजों के निदान व उपचार के बारे में सहायक आचार्य टीबी एंड चेस्ट डॉ भानु प्रताप ने विस्तृत जानकारी दी। सहायक आचार्य पीडियाट्रिक डॉ प्रभात कुमार ने बच्चों में क्षय रोग के लक्षण, कारण, जांच, निदान व उपचार आदि के बारे में जानकारी दी। प्रो डॉ चंद्र मौली शर्मा ने यूपी एनटीईपी के विस्तारीकरण और सुदृढ़ीकरण के बारे में प्रशिक्षण दिया। 

इस मौके पर क्षयरोग विभाग के जिला कार्यक्रम समन्वयक डॉ मिथलेश कुमार ने कहा कि स्वास्थ्य विभाग, मेडिकल कॉलेज के साथ मिलकर टीबी उन्मूलन के लिए हर संभव प्रयास कर रहा है। उन्होंने राष्ट्रीय क्षय उन्मूलन कार्यक्रम और प्रधानमंत्री टीबी मुक्त भारत अभियान एवं टी बी मुक्त पंचायत की प्रगति रिपोर्ट, जांच व उपचार सुविधाओं आदि पर चर्चा की। बताया कि वृहस्पतिवार को एक्स्ट्रा पल्मोनरी टीबी, एडवर्स ड्रग रिएक्शन (एडीआर), टीबी प्रिवेंटिव थेरेपी (टीपीटी), जनपद में एनटीईपी के क्रियान्वयन को लेकर चुनौतियों के बारे में प्रशिक्षण दिया जाएगा।  इस मौके पर जिला क्षय रोग अधिकारी डॉ संजय कुमार एवं अन्य चिकित्सक व अधिकारी उपस्थित रहे।


Khabre Aaj Bhi

Reporter - Khabre Aaj Bhi

Who will win IPL 2023 ?