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सेवराई/ गाजीपुर : स्थानीय तहसील क्षेत्र के उसिया गांव स्थित क्यूईसी स्कूल परिसर में फ़िल्म अभिनेता नज़ीर हुसैन स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स में विश्वविख्यात शायर मुनव्वर राना का बीते रविवार को निधन होने के पश्चात के उनकी स्मृति में शोकसभा का आयोजन किया गया।
शोकसभा की शुरुआत क्यूईसी स्कूल उसिया के उर्दू शिक्षक हाफ़िज़ शब्बीर के द्वारा पवित्र कुरान-ए-पाक के पाठ से हुई. तत्पश्चात क्यूईसी स्कूल उसिया के फाउंडर मेम्बर और लेखक तौसीफ़ गोया ने विश्वविख्यात शायर मुनव्वर राना पर वृहद बीज वक्तव्य देते हुए कहा कि मुनव्वर राना ने अपनी शायरी में समाजी अहसास और समाजी अहसास की पीड़ा को जिस शिद्दत से इंदराजी की है, वो काबिले तारीफ़ और काबिले गौर है. मुनव्वर राना की शायरी की उड़ान आम आदमी की आवाज को सशक्त बनाती है. महान शायर मुनव्वर राना उपमहाद्वीप में ऐसे शायर थे, जो इश्क़ को माशूक़ और माशूक़ा की दिलेरी से लबरेज़ तो करते ही थे, साथ ही वह इसे एक अलग मुक़ाम यानी अन्य इंसानी रिश्तों की असीम गहराईयों में भी ले जाते थे. हिंदी और उर्दू भाषा पर समान कुव्वत रखने वाले मुनव्वर राना ने मां और बेटियों को अपनी गज़लों में ऐसा प्रतिनिधित्व दिया है, जो कहीं और देखने को नहीं मिलती. लेखक और विचारक तौसीफ़ गोया ने साहित्यिक आलोचकों द्वारा मुनव्वर राना को इमोशनल शाइर होने की काव्यात्मक आलोचना को सिरे से खारिज करते हुए कहा कि मुनव्वर भावुक नहीं थे, बल्कि वह लोकेल की खबर रखने वाले वफादार और दमदार शायर थे. उनकी शायरी में आम और खास का विश्वास उनके दुनिया से प्रस्थान होने के बाद भी अमर है और रहेगा. मुनव्वर राना की शायरी को मां की दुआओं का अविरल प्रवाह हासिल है. मुनव्वर राना की शायरी की व्यवहारिकता और भावनात्मकता की लेखन संपदा में जीवन की सबसे अनमोल पहचान मां का विशाल रूप उपस्थित है. मुनव्वर राना की बेलौस शायरी में मां के ममत्व से आम आदमी की दुनिया प्रकाशित होती है. तौसीफ़ गोया ने जोर देते हुए कहा कि मुनव्वर राना की शायरी का विराट स्वरूप समाज के हरेक दृश्य पर अपनी पैनी नजर और नजरिए के जरिए एतबार पैदा करता है. आज मुनव्वर नहीं हैं, लेकिन मुनव्वर की शायरी के शब्द मानवीय हक़ीक़त की पेश-क़दमी को हर क्षण मुनव्वर यानी उज्ज्वल करती रहेगी.
क्यूईसी स्कूल उसिया के एडमिन मतलूब ख़ां साहिब ने अपना शोक प्रकट करते हुए कहा कि मुनव्वर राना की वैचारिक और वैश्विक शख्सियत हमारी इल्म और तालीम की अदबी काल्पनिकता को आम आदमी के बीच आम करती है. यही मुनव्वर इस नश्वर दुनिया से कूच करने के बाद भी पूरे विश्व के मन मस्तिष्क में मुनव्वर यानि प्रज्ज्वलित रहेंगे.
क्यूईसी स्कूल उसिया के मैनेजर परवेज़ ख़ान ने मुनव्वर राना के निधन पर दुख की अभिव्यक्ति देते हुए कहा कि मुनव्वर राना की अद्वितीय और अद्भुत शायरी के रंग ने हम सबको सामाजिकता के नाम पर अपनी शैक्षिक योग्यता का भी मूल्यांकन और विवेचन करने की सलाहियत दी है. मुनव्वर राना आम जुबान और उम्मीद को आम करने वाले उर्वर साहित्यिक भूमि के उत्कृष्ट शायर थे. मुस्लिम समुदाय की पीड़ा भी उनकी शायरी की मजबूत दीवार थी. उनकी शायरी के अंदाज ने आम इंसान की जद्दोजहद के धूमिल होते स्वर को दुनिया के बड़े मंचों पर सुनाया और गुनगुनाया.
क्यूईसी स्कूल उसिया की छात्रा सिदरा खातून, सारिया खान, मनतशा खान, दरख्शां खान, सानिया ख़ान ने मुनव्वर राना की शायरी पेश कर उनकी विशिष्टता का परिचय दिया।तत्पश्चात विश्व प्रसिद्ध शायर मुनव्वर राना के लिए दो मिनट का मौन रख कर दुआ-ए-मगफिरत की गयी. शोकसभा में उपस्थित सभी लोगों के प्रति हृदय से आभार और कृतज्ञता क्यूईसी स्कूल उसिया के चेयरमैन आरिफ़ ख़ान ने व्यक्त किया।
Reporter - Khabre Aaj Bhi
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