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गाजीपुर/जखनियां : आज़ ग्राम सभा धर्मागतपुर के इन्डिया नाऊ 24के एम डी अरविंद तिवारी आज अपने पितरों के तर्पण के लिए गया के लिए रवाना हुए आज उनके पैतृक गांव पर विधि विधान के साथ पूजा एवं गांव भ्रमण करते हुए आज गया जी के लिए स पत्नि प्रस्थान कीए। बताते चले कि श्राद्ध कर्म या तर्पण करने के भारत में कई स्थान है लेकिन पवित्र फल्गु नदी के तट पर बसे प्राचीन गया शहर देश ही नहीं बल्कि विदेशों में भी पितृपक्ष और पिंडदान को लेकर अलग पहचान है। पुराणों के अनुसार पितरों के लिए खास आश्विन माह के कृष्ण पक्ष या पितृपक्ष में मोक्ष धाम गया जी आकर पिंडदान तर्पण करने से पितरों को मोक्ष की प्राप्ति होती है और माता-पिता समेत सात पीढ़ियों का उद्धार होता है। वही पितृ कि श्रेणी में मृत पूर्वजों, माता-पिता , दादा दादी नाना नानी सहित सभी पितृ शामिल होते हैं व्यापक दृष्टि से मृत गुरु और आचार्य भी पितृ की श्रेणी में आते हैं। गया जी मे फल्गु नदी के किनारे और अक्षय वट पर पिंडदान करना जरूरी माना जाता है इसके अतिरिक्त वैतरणी प्रेत शिला सीता कुंड नाग कुंड पांडू शीला रामशिला मंगला गौरी कागबली आदि भी पिंडदान के लिए प्रमुख है यही कारण है कि देश में श्राद्ध के लिए 55 स्थान को महत्वपूर्ण माना गया है जिसमें बिहार के गया का स्थान सर्वोपरि है।
Reporter - Khabre Aaj Bhi
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