To view this video please enable JavaScript, and consider upgrading to a web browser that supports HTML5 video
ग़ाज़ीपुर : बाल विकास एवं पुष्टाहार विभाग के द्वारा कुपोषित बच्चों को सुपोषित करने के लिए संभव अभियान 2023 चलाया जा रहा है। जो अगले 4 महीने तक चलना है। इसी को लेकर सोमवार को विकास भवन के सभागार में एक संवेदीकरण कार्यशाला का आयोजन किया गया। जिसमें जनपद में कार्यरत 54 मुख्य सेविका, सभी ब्लॉकों के सीडीपीओ, यूनिसेफ के मंडल समन्वयक के साथ तकनीकी सहयोग टीएसयू के अधिकारी शामिल रहे। अगले 4 महीने में संभव अभियान के तहत किस तरह से कार्य करना है उन बातों पर चर्चा किया गया।
जिला कार्यक्रम अधिकारी दिलीप कुमार पांडे ने बताया कि बच्चों के बेहतर भविष्य और अधिक समृद्ध समाज के लिए पोषण अत्यंत आवश्यक है। शिशु और बाल मृत्यु में वृद्धि का एक प्रमुख कारण मातृ एवं शिशु कुपोषण है । कुपोषण की रोकथाम में सबसे बड़ी चुनौती समाज परिवार एवं व्यक्तिगत स्तर पर पोषण संबंधित मौजूदा व्यवहारों धारणा में परिवर्तन लाना है। इसी उद्देश्य से पिछले साल विभाग के द्वारा संभव अभियान नवाचार के रूप में लाया गया था । जिसमें विशेष रूप से सैम बच्चों का चिन्हांकन व उपचार संदर्भन एवं समुदायिक स्तर पर उनके प्रबंधन के साथ-साथ कुपोषण की रोकथाम हेतु कार्य किया जाना है।
उन्होंने बताया कि इसको लेकर सैम बच्चों के वजन की वृद्धि, निगरानी एवं पोषण परामर्श हेतु 0 से 5 वर्ष के प्रत्येक लाभार्थी तक पहुंचना एवं चयनित कुपोषित बच्चों का सन्दर्भन उपचार एवं प्रबंधन सुनिश्चित करना है। पोषण साक्षरता के लिए सामुदायिक सहभागिता को भी बढ़ावा देना। इस कार्य में लगे अन्य विभागों के सहयोग से शिशु एवं महिलाओं के पोषण से जुड़े विभागीय सेवाएं योजना लाभ लक्षित समूह तक प्राप्त करवाना है।इसको लेकर कई तरह की योजनाएं जून माह से लेकर अगले 4 महीने तक चलाया जाना है। जिसमें कार्य योजना तैयार करना और प्रशिक्षण । स्वास्थ्य विभाग के समन्वय से आरबीएसके की योजना के तहत शिविर लगवाना ।आंगनबाड़ी केंद्रों में नामांकित बच्चों की शत प्रतिशत वजन और लंबाई करके पोषण ट्रैकर एप में फीडिंग कराना साथ ही सैम मैम तथा गंभीर अल्प वजन वाले बच्चों की लाइन लिस्ट तैयार करना।
इसके अलावा गर्भवती महिलाओं के पोषण को लेकर भी कार्य किया जाना है। जिसमें गर्भवती महिलाओं के पोषण के लिए कम से कम 4 बार उनका ए एन सी जांच व परामर्श देना। गर्भावस्था के दौरान संतुलित अतिरिक्त आहार एवं अनुपूरक पोषाहार का सेवन कराना । आयरन और कैल्शियम की गोली के सेवन का तरीका एवं महत्त्व बतलाना। साथ ही गर्भावस्था के दौरान वजन वृद्धि का निगरानी रखना। इसके अलावा संस्थागत प्रसव जन्म के बाद नवजात शिशु को 1 घंटे के अंदर स्तनपान की जानकारी भी देना।आज के इस कार्यशाला में जनपद के सभी ब्लॉकों से आए हुए सीडीपीओ, मुख्य सेविका यूनिसेफ के मंडल समन्वयक अंजनी राय टीएसयू के अजय कुमार यादव के साथ अन्य लोग मौजूद रहे
Reporter - Khabre Aaj Bhi
0 followers
0 Subscribers