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गाजीपुर : जिलाधिकारी एम.पी.सिंह ने बताया कि किसानों के निजी उपयोग हेतु साधारण मिट्टी के खनन/परिवहन सम्बधी दिशा-निर्देश नहीं थे, जबकि ग्रामीण अंचलों में किसानों द्वारा घर के आस-पास तथा पशुओं के बाधने के स्थानों पर जलभराव को रोकने के साथ ही अपने कृषिकीय भूमि को समतलीकरण करने के लिए साधारण मिट्टी का प्रयोग किया जाता है। किसानों के उपयोग हेतु साधारण मिट्टी के खनन की प्रक्रिया नहीं होने के कारण उनके उत्पीड़न की शिकायते प्राप्त होती रहती है। अतः भूतत्व एवं खनिकर्म निदेशालय, उ०प्र० खनिज भवन, लखनऊ द्वारा दिनांक 06 अगस्त 2021 द्वारा किसानों के हित में साधारण मिट्टी के खनन/परिवहन के लिए विभागीय पोर्टल पर आनलाईन आवेदन कर पंजीकरण की निम्नलिखित प्रकिया अपनायी जायेगी, जिसमें विभागीय पोर्टलupminemitra.in पर किसानों के निजी उपयोग हेतु स्वयं की भूमि से साधारण मिट्टी के खनन/परिवहन की अनुमति हेतु पंजीकरण के ब्लाक पर अप्लाई कर पंजीकरण करना होगा। इस हेतु खनन योजना एवं अनुज्ञा पत्र की आवश्यकता नहीं होगी, किसान अपने निजी उपयोग हेतु स्वयं की भूमि से साधारण मिट्टी के खनन/परिवहन हेतु आवेदन कर सकेंगे, जिस हेतु पंजीकरण करने के पूर्व किसानों को नाम, पता, मोबाईल नम्बर भरकर लौंगिन बनाना होगा,लॉगिन करने के उपरान्त प्रपत्र प्रदर्शित होगा जिसमें आवेदक का नाम, मोबाईल नम्बर साधारण मिट्टी की मात्रा खतौनी, खनन का प्रयोजन, आवेदित खनन क्षेत्र का पूर्ण विवरण यथा जनपद, तहसील, ग्राम, गाटा नम्बर, गन्तव्य स्थान फीड करना अनिवार्य होगा, बिन्दु संख्या-3 में उल्लिखित जानकारियों को भरकर किसान द्वारा आवेदनsubmit किया जाना होगा, जिसके पश्चात किसान को पोर्टल से स्वजनित पंजीकरण प्रमाण-पत्र प्राप्त होगा,पंजीकरण प्रमाण-पत्र ही परिवहन प्रपत्र के रूप में मान्य होगा।
पंजीकरण प्रमाण-पत्र जनित होने से पूर्व गाटा नम्बर फीड करने के उपरान्त सिस्टम द्वारा भूलेख की। PAI से भू-स्वामी के विवरण मिलान किया जायेगा। आवेदक एवं भू-स्वामी भिन्न होने की दशा में पंजीकरण प्रमाण-पत्र जनित नहीं होगा, किसी गाटा नम्बर पर एक से अधिक खातेदार होने की दशा में आवेदक के पक्ष में सह-खातेदारों की सहमति का शपथ-पत्र अपलोड करने के साथ सह-खातेदारों के नाम को भी फीड करना होगा, किसान द्वारा आवेदित साधारण मिट्टी की मात्रा के उपयोग हेतु जनित पंजीकरण प्रमाण-पत्र की वैधता दो सप्ताह होगी, जिलाधिकारी द्वारा किसी समय पोर्टल पर प्रदर्शित पंजीकृत मामले की आवश्यकतानुसार जाँच कर नियमानुसार कार्यवाही कर सकते है। उपरोक्तानुसार दी गयी व्यवस्था के अन्तर्गत किसान साधारण मिट्टी का निजी उपयोग निशुल्क कर सकते है।
Reporter - Khabre Aaj Bhi
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