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गाजीपुर : महिला दिवस जो पूरे विश्व में 8 मार्च को महिलाओं को सम्मान देने व आत्मनिर्भर, आत्मरक्षार्थ के साथ साथ समाज में बदलाव हेतु प्रयासरत बालिकाओं को सम्मान, सुरक्षा एवं स्वाबलंबन के संबंध में जागरूक बनाने के लिए मनाया जाता है। इसी के मद्देनजर महिला कल्याण विभाग एवं वर्तमान में आजादी के अमृत महोत्सव के अंतर्गत सदर तहसील के कस्तूरबा गांधी आवासीय विद्यालय में जिला प्रोबेशन अधिकारी प्रभात कुमार की अध्यक्षता में मनाया गया। विद्यालय की छात्राओं को आत्मनिर्भर के साथ ही कठिन परिस्थितियों में कैसे स्वयं की सहायता करनी है इसके बारे में विस्तृत रूप से जानकारी दी गई। महिला दिवस की इस बार की थीम जेंडर इक्वालिटी टुडे फॉर ए सस्टेनेबल टुमारो’ यानी मजबूत भविष्य के लिए लैंगिक समानता जरूरी है। जिला प्रोबेशन अधिकारी प्रभात कुमार ने बताया कि राष्ट्रीय कार्यान्वयन समिति द्वारा बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ के अंतर्गत 5 मार्च से 11 मार्च तक अलग-अलग दिनों में अलग-अलग तरह के कार्यक्रम आयोजित करने का शासनादेश विभाग को मिला है। जिसमें 5 व 6 मार्च को ब्रेक द वायस, 7 मार्च को वुमन आप टुमोरो, 8 मार्च को अनंता ,9 मार्च को गो पर्पल, 10 मार्च को हेल्प वॉच ,11 मार्च को सुरक्षा वारियर्स के तहत कार्यक्रम का आयोजन करना है। इसी कड़ी में वुमन ऑफ टुमोरो के तहत कस्तूरबा गांधी आवासीय विद्यालय में पढ़ने वाली छात्राओं के साथ जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया। महिला कल्याण अधिकारी नेहा राय ने बताया कि छात्राओं को शासन की तरफ से चल रही महिला सुरक्षा के कार्यक्रम के संबंध के साथ ही बाल सेवा योजना, बाल सेवा योजना सामान्य, कन्या सुमंगला योजना ,वूमेन हेल्पलाइन नंबर, चाइल्डलाइन नंबर ,गुड व बैड टच, नारी स्वालंबन के साथ ही बाल विवाह से होने वाली दुश्वारियां के संबंध में भी जानकारी दी गई। इस दौरान छात्राओं को इस बात की भी जानकारी दी गई यदि वह रास्ते में कहीं जा रही है और उन्हें कोई पकड़ ले तो उस वक्त उस मजबूत पकड़ से कैसे अपनी बचाव करना है। जिसका प्रैक्टिकल रूप से प्रदर्शन भी किया गया। जिला समन्वयक शिखा सिंह ने बताया कि शासन के द्वारा चल रही बाल सेवा योजना के तहत कोविड-19 के दौरान जिनके परिजनों की मृत्यु हो चुकी है वैसे ही दो छात्राओं गुड़िया और संजना कुमारी का भी चयन कर कस्तूरबा आवासीय विद्यालय में शिक्षित किया जा रहा है। साथ ही कन्या सुमंगला योजना के तहत सपना कुशवाहा और संजना कुमारी का एडमिशन भी इस विद्यालय में कराया गया है।््अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस पहली बार साल 1911 में आयोजित गया था। इस दिन को लेकर लोगों का नजरिया अलग-अलग है। कुछ लोग इस दिन को मनाने का कारण नारीवाद को मानते हैं। हालांकि, इसकी जड़ें श्रमिक आंदोलन से जुड़ी हुई है। संयुक्त राष्ट्र द्वारा चयनित राजनीतिक और मानव अधिकार को ध्यान में रखते हुए महिलाओं के राजनीतिक एवं सामाजिक उत्थान के लिए ये दिन मनाया जाता है। इस कार्यक्रम में जिला समन्वयक लक्ष्मी मौर्य, प्रभारी वन स्टॉप सेंटर प्रियंका प्रजापति, कस्तूरबा गांधी आवासीय विद्यालय की वार्डन वंदना राय, टीचर सावित्री व श्वेता पांडे के साथ ही अन्य लोग मौजूद रहे।
Reporter - Khabre Aaj Bhi
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