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ग़ाज़ीपुर : उत्तर प्रदेश स्वास्थ विभाग की संजीवनी कहे जाने वाला १०२ और १०८ एंबुलेंस पिछले कई दिनों से हड़ताल पर होने की वजह से मरीजों को दिक्कत ना हो इसके लिए शासन के द्वारा एस्मा भी लगाया गया था। जिले के एंबुलस ड्राइवरों ने अपना हड़ताल जारी रखा। जिसको देखते हुए जिला अधिकारी के निर्देश पर एंबुलेंस के ६ ड्राइवरों के खिलाफ कोतवाली में मुकदमा दर्ज कराया गया है। इसके साथ ही अब एंबुलेंस को दूसरे ड्राइवर और स्वास्थ्य विभाग के स्टाफ को ईएमटी के रूप में शामिल कर इस सेवा को बहाल कर दिया गया है।
एसीएमओ एवं नोडल डॉ डीपी सिन्हा ने बताया कि १०२ और १०८ एंबुलेंस के सभी पुराने ड्राइवरों ने एंबुलेंस का चाबी हैंड ओवर कर दिया है। जिसके बाद सेवा प्रदाता जीवीके कंपनी ने नए ड्राइवरों की व्यवस्था कर स्वास्थ्य व्यवस्था को पटरी पर लाने का काम किया है । उन्होंने बताया कि जनपद में १०८ एंबुलेंस जिनकी संख्या ३७ है इसमें से ३५ रनिंग मोड में आ गए हैं । वही १०२ एंबुलेंस जिनकी संख्या ४२ है उसमें से ३३ एंबुलेंस कार्यरत हो गई है। इसके साथ ही तीन एएलएस एंबुलेंस भी अब अपने काम में लग गई है। उन्होंने बताया कि एंबुलेंस में ईएमटी के रूप में पुरुष सीएचओ ,एएनएम,मेल स्टाफ नर्स को लगाया गया है जिससे स्वास्थ्य व्यवस्था अब पटरी आ गई है।
उन्होंने बताया कि कुछ पुराने एंबुलेंस ड्राइवर जो एंबुलेंस के चलाने में बाधा उत्पन्न कर रहे थे उनके खिलाफ आवश्यक सेवा अनुरक्षण अधिनियम १९८१ की धारा ३ और ४ के तहत कोतवाली में मुकदमा दर्ज कराया गया है। उन्होंने बताया कि राहुल गुप्ता ,प्रमोद कुमार,उमेंद्र कुमार,विश्वजीत,रमेश गौर और मनोज यादव के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया गया है।
Reporter - Khabre Aaj Bhi
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