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गाजीपुर: गहमर एशिया का सबसे बड़ा गांव गहमर रेलवे स्टेशन परिसर में धरना प्रदर्शन शांतिपूर्ण तरीके से संपन किया गया।कोरोना काल में ट्रेनों का नम्बर बदल कर परिचालन शुरू हुआ तब से गहमर रेलवे स्टेशन पर श्रमजीवी और बाम्बे जनता एक्सप्रेस का ठहराव था। लेकिन अचानक ट्रेनो ठहराव कोरोना के नाम पर खत्म कर दिया गया।गहमर रेलवे स्टेशन पर क्षेत्र के प्रतिदिन सैकड़ों लोग व सैनीक यात्रा प्रारम्भ और समाप्त करते हैं।रेलवे गहमर क्षेत्र वासियों के साथ सौतेला ब्योहार कर रही हैं। आपको बताते चले कि श्रमजीवी व बाम्बे जनता एक्सप्रेस का ठहराव निरस्त करने के विरोध में ग्रामीणों ने गुरुवार को धरना-प्रदर्शन किया। इस दौरान नारेबाजी कर आक्रोश जताया।
सेवानिवृत्त शिक्षक हृदय नारायण सिंह ने कहा कि कोरोना काल से पहले गहमर रेलवे स्टेशन पर 19 जोड़ी ट्रेनों का ठहराव था। ट्रेनों के पुन: संचालन होने पर दो स्पेशल ट्रेन, श्रमजीवी एक्सप्रेस व बाम्बे जनता एक्सप्रेस सहित एक पैसेंजर ट्रेन का ठहराव गहमर स्टेशन पर किया गया था, लेकिन तीन दिसंबर से इन तीनों ट्रेनों का ठहराव कोरोना का हवाला देकर समाप्त कर दिया गया। स्टेशन से आसपास के दर्जनों गांव व सीमावर्ती बिहार राज्य के लोग भी ट्रेन पकड़ने आते हैं। सैनिको के गांव का यह रेलवे स्टेशन सर्वाधिक आय देने वाला है। यह बक्सर और दिलदारनगर जंक्शन के बाद हर दृष्टिकोण से सर्वोत्तम स्थान रखता है।
रेलवे प्रतिदिन यहां से लाखों रुपए अर्जित करता है। इसके बावजूद इस स्टेशन पर ट्रेनों का ठहराव नहीं हो रहा है। यहां के लोग देश के कोने-कोने मे मौजूद हैं। सैनिक देश के विभिन्न सीमाओं की सुरक्षा में लगे है। इन सैनिकों को ट्रेन पकड़ने के लिए यहां से 30 किमी दूर बक्सर या पंडित दीनदयाल उपाध्याय जंक्शन जाना पड़ रहा है। हमारी मांगों को लेकर अगर रेल प्रशासन ने विचार नहीं किया तो रेल चक्का जाम कर दिया जाएगा। गहमर रेलवे स्टेशन अधीक्षक मनोज कुमार को सूचारू रूप से चलाने के लिए पत्रक सौंपा गया।धरना-प्रदर्शन में ग्राम प्रधानपति दुर्गा चौरसिया, मन्नू सिंह, आकाश राज, राघवेंद्र सिंह, अखंड प्रताप सिंह, प्रमोद सिंह, सुधीर सिंह, हेराम सिंह, सुनील उपाध्याय आदि लोग मौजूद रहे।
Reporter - Khabre Aaj Bhi
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