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गाजीपुर : राष्ट्रीय किशोर स्वास्थ्य कार्यक्रम (आरकेएसके) के तहत ग्राम स्वास्थ्य, स्वच्छता एवं पोषण दिवस (वीएचएसएनडी) सत्र पर १० से १९ साल तक के किशोर-किशोरियों को रक्त-अल्पता से बचाने को लेकर आयरन की गोलियां वितरित की जाएंगी। इस बार प्राइमरी स्तर के बच्चों को अभियान में शामिल नहीं किया गया है। इस अभियान में अहम भूमिका निभाने वाली शहरी क्षेत्र की एएनएम और मुख्य सेविकाओं के साथ ही आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं की महत्वपूर्ण भूमिका रहेगी।
अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी (एसीएमओ) डॉ उमेश कुमार ने बताया - अभियान के दौरान कोविड-१९ की गाइड लाइन का पालन करना है। स्कूलों और आंगनबाड़ी केंद्रों के बंद होने की वजह से प्रत्येक बुधवार को गांवों में होने वाले ग्राम स्वास्थ्य, स्वच्छता एवं पोषण दिवस के मौके पर १० से १९ तक के स्कूल जाने वाले किशोर-किशोरियों और इसी आयु वर्ग की स्कूल न जाने वाली किशोरियों को आयरन की गोलियां बांटी जानी है। गोलियां सीधे बच्चों को न देकर उनके अभिभावकों को दी जाएंगी । एक बार में ही प्रत्येक बच्चे को आठ गोलियां दी जानी है जिन्हें प्रति सप्ताह खाना खाने के बाद एक गोली का सेवन करना है।
जिला कार्यक्रम अधिकारी (डीपीओ) दिलीप कुमार पांडेय ने बताया कि किशोर-किशोरियों को गोली खाने के एक से दो घंटे तक चाय-दूध का सेवन नहीं करना है। गोली नींबू पानी से खाना सबसे बेहतर तथा फायदेमंद होगा यदि नींबू उपलब्ध न होतो सादे पानी के साथ खाई जाएगी। किसी भी तरह की बीमारी से ग्रसित बच्चों को दवा नहीं दी जाएगी। कार्यक्रम के माध्यम से बच्चों एवं किशोर-किशोरियों में खून की कमी (एनीमिया) को पूरा करने के लिए आयरन फोलिक संपूरक गोली वितरित की जाती है जिसका साप्ताहिक सेवन अनिवार्य है। वितरण और जन जागरूकता के लिए निर्देश दिये जा चुके हैं। किशोर-किशोरी स्वास्थ्य को एक मुख्य घटक के रूप में चिन्हांकित किया गया है।
आयरन की गोली के फायदे
आयरन की कमी और पौष्टिक आहार से रक्तहीनता के साथ-साथ शारीरिक और मानसिक विकास पर प्रभाव पड़ता है जिससे चिड़चिड़ापन, तनाव, अवसाद आदि की स्थिति पैदा हो सकती है। इन कमियों को पूरा करने में आयरन की गोली बेहद फायदेमंद है।
Reporter - Khabre Aaj Bhi
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