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रिपोर्ट: मेराज अहमद
बहराइच: जनपद के तहसील नानपारा क्षेत्र के क़स्बा रुपईडीहा जो कि इंडो-नेपाल सीमा का आखरी क़स्बा है यह क़स्बा ख़ुफ़िया तंत्रों की नज़र में अति संवेदन सील है ख़ुफ़िया विभाग की नज़र इस क़स्बे की तरफ अधिक रहती है इस कारण इस क़स्बे में विभिन्न विभागों की चौकियां स्थापित की गई है कि हर प्रकार अवैध गतिविधियों से निपट सकें कुछ वर्ष पूर्व कस्बा सीमा पर कानून व्यवस्था को अधिक शक्तिशाली बनाया जा सके यहाँ पर 42 वीं वाहिनी सशत्र सीमा बल की चौकी की स्थापना की गई एस एस बी चौकी स्थापित होने से कुछ समय तक तो जरायम पेशा करने वाले लोगों के होश उड़ गए मगर कुछ समय बाद सशत्र सीमा बल के जवानों का कारनामा लोगों के सामने आने लगा काफी स्थानीय थाने के पुलिस कर्मियों से इनका विवाद सामने आया कभी नेपाली प्रहरी से इनका विवाद उजागर हुआ मिशाल है कि एक गन्दी मछली पुरे तालाब को गन्दा कर देती है वह मिशाल यहाँ पर सच साबित होती दिखाई दी ईमानदारी का ढोंग दिखाने वाली शास्त्र सीमा बल भी उसी रंग में रंगने लगी आये दिन राहगीरों को मारने पीटने गाली गलौज करने का मामला प्रकाश में आता रहा मगर स्थानीय मीडिया ने इसको गंभीरता से नहीं लिया और इनको द्वारा किये जा रहे गलत तरीके के कार्य को उजागर नहीं किया शास्त्र सीमा बल द्वारा तस्करों को दिया जा रहा संरक्षण संबंधित समाचार हमारे संवाददाता ने प्रमुखता से प्रकाशित की थी इस खबर के कारण सशत्र सीमा बल के अफसर और जवान हमारे संवाददाता से रंजिश रखने लगे इसी के कारण 29 फ़रवरी को जब हमारे संवाददाता अपनी निजी कार से नेपालगंज शहर किसी कार्य से जा रहे थे ट्रैफिक जाम अधिक होने के कारण मौके पर तैनात एक जवान को उन्होंने अपना परिचय देते हुए कहा कि अगर आपकी इज़ाज़त हो तो यहाँ पर कार खड़ी करने की जगह नहीं है बैरियर के आगे कार लगाकर इंट्री करवा लें कार्ड पर नज़र पड़ते ही वह जवान आग बबूला हो गया और अभद्रता पर उतारा हो गया है बोला कि तू किया आसमान से उतर कर आया है चल गाड़ी पीछे कहीं लगाकर आ और अगर ज्यादा पत्रिकारिता दिखाई तो मेरा डंडा बोलने लगेगा और कार के बोनट पर डंडा मारने लगा पत्रकार ने किसी प्रकार अपमान सहते हुए अपनी कार को पीछे ले जाकर पार्क करके इंट्री कराई तो देखा कि उनके सामने ही न जाने कितनी गाड़ियां किसी पर बीजेपी का स्टीकर लगा है किसी पर उत्तर प्रदेश सरकार का स्टीकर लगा है बिना इंट्री के प्रवेश कर रही हैं उनको पीछे नहीं खड़ा कराया जा रहा है और एक मीडिया कर्मी के साथ में इस प्रकार की अभद्रता की जा रही है खैर पत्रकार राशिद अली इंट्री करवा कर वहां से अपमान का घूंट पीकर चले गए उधर से वापसी में उन्होंने अपनी कार को बैरियर से पूर्व रोक कर इंट्री कराई और तैनात एक जवान को पर्ची देकर निकलने लगे तो उस जवान ने बहुत तेज़ आवाज़ में कहा कि गाड़ी साइड में लगा चेकिंग करनी है तो पत्रकार राशिद अली ने अपनी कार को साइड में लगा दिया तो जवान ने कहा कि कार कहाँ से चुरा कर लाया है तब पत्रकार ने अपना परिचय देते हुए कहा कि आप किस प्रकार की बातें कर रहे हैं तो उसने कहाँ से ख़रीदा है बता और कार के अंदर घुस कर सीट कवर को नोंचने लगा तो पत्रकार ने कहा कि आप तलासी लीजिये गाड़ी में तोड़ फोड़ क्यों कर रहे हैं तो उस जवान ने भडकते हुए कहा कि तू चुपचाप खड़ा रह और चल डिग्गी खोल तो पत्रकार ने डिग्गी खोल दी तो उस जवान ने डिग्गी पर लात मार कर उसके अंदर लगा बम्फर तोड़ दिया पत्रकार ने जब इस पर आपत्ति दर्ज कराई तो उस जवान ने कहा कि ज्यादा बोलोगे तो फंसवा दूंगा अभी हमारा पॉवर जानते नहीं हो कि हम लोग किया कर सकते हैं और तुम्हारी गाड़ी की चेकिंग करने के लिए मेरे एक साथी जवान ने मुझसे कहा था जिनको तुमने पत्रकार होने का कार्ड दिखया था हम लोग तुम जैसे पत्रकारों को कुछ नहीं समझते हैं वहां से वापस आकर पीड़ित पत्रकार ने इसकी सूचना सोशल मीडिया पोर्टल संग़ठन के संरक्षक फ़राज़ अंसारी को दी और 42 वीं वाहिनी के कमांडेंट से फोन से बात करके सारे प्रकरण की जानकारी दी मिडिया पोर्टल संग़ठन के लोगों ने इसको गंभीरता से लेते हुए एस एस बी 42 वीं वाहिनी के डी आई जी से बात कर प्रकरण से अवगत करवाया है फ़राज़ अंसारी कहते हैं कि हमारा संग़ठन किसी भी पत्रकार साथी का उत्पीड़न बर्दास्त नहीं करेगा जरुरत पड़ने पर प्रदर्शन भी कर सकता है अब यहाँ पर बहुत सोचनीय पहलू यह है कि इंडो-नेपाल बॉर्डर पर तैनात एस एस बी के जवान जो सारा दिन थारू पहाड़ियों के बीच में अपना समय बिताते हैं उस कारण वह सब को थारू पहाड़ी समझने लगे हैं कि जब चाहे जिसके साथ भी अभद्रता कर दें मगर जनपद का पत्रकार अपने किसी पत्रकार का उत्पीड़न बर्दास्त नहीं करेगा।
Reporter - Khabre Aaj Bhi
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