12 जनवरीको स्वमी विवेकानंद जी की जयंती पर विशेष

By: Khabre Aaj Bhi
Jan 07, 2020
329


By- नवनीत मिश्र
संतकबीर नगर : युग पुरुष स्वामी विवेकानंद जी का जन्म जिस समय हुआ, उस समय भारत की सामाजिक,राजनैतिक एवं सांस्कृतिक परिस्थितियां विषमताओं व उथल-पुथल से भरी थी।  सन 1857 की क्रांति असफल हो चुकी थी और हिंदू एवं मुसलमान दोनों अंग्रेजों के आगे घुटने टेक चुके थे। अंग्रेजों ने संपूर्ण भारत पर अपना कब्जा जमा लिया था। कोलकाता महानगर के उत्तरी भाग में सिमुलिया नामक

मोहल्ले में गौरमोहन मुखर्जी स्ट्रीट में दत्त परिवार के यहां 12 जनवरी 1863 को मकर संक्रांति के पुण्य पर्व पर प्रसिद्ध वकील श्री विश्वनाथ दत्त की पत्नी श्रीमती भुवनेश्वरी देवी ने जिस बच्चे को जन्म दिया। वह आगे चलकर विश्व प्रसिद्ध स्वामी विवेकानंद हुआ।


 इस बच्चे का नाम घर वालों ने नरेंद्र दत्त रखा। स्वामी विवेकानंद ने 18 वर्ष की आयु में श्री श्री रामकृष्ण परमहंस से प्रभावित होकर ब्रह्म समाज को छोड़कर उनके शिष्य बन गए थे। स्वामी जी ने उनमें परमात्मा की लगन देखी थी। 
   
 वेदांत दर्शन के प्रणेता स्वामी विवेकानंद एक महान समाज सुधारक थे। जिन्होंने अपनी तेजस्वी वाणी से पूरी दुनिया में भारतीय सभ्यता व संस्कृति का प्रचार-प्रसार किया। सन 1891 में अमेरिका के शिकागो शहर में आयोजित किए गए विश्व धर्म सम्मेलन में उन्होंने दुनिया के समक्ष भारतीय सभ्यता व संस्कृति को लेकर अपने विचार प्रकट किए। स्वामी विवेकानंद ने इस सभा में सनातन धर्म का प्रतिनिधित्व करते हुए अपने भाषण की शुरुआत “मेरे अमेरिकी भाइयो और बहनो” जैसे संबोधन के साथ की। जैसे ही स्वामी जी ने यह वाक्य बोला, पूरा हॉल तालियों की गड़गड़ाहट से गूंजने लगा और उनके शब्द वहां उपस्थित हर व्यक्ति के दिल को झंकृत कर गया। दरअसल, पश्चिम में परिवार और कुंटुंब जैसा परिवेश नहीं है।

 मात्र 39 साल की अल्पायु में 4 जुलाई 1902 को दुनिया से विदा होने वाले युवा सन्यासी आज भी हमारी प्रेरणा हैं। उनके जन्मदिवस 12 जनवरी को युवा दिवस के रूप में मनाया जाता है। इतनी कम आयु में स्वामी जी  विदेशों में देश का प्रतिनिधित्व करने के साथ ही शिक्षा और धर्म के क्षेत्र में उल्लेखनीय काम किया। उन्होंने श्री रामकृष्ण मिशन की स्थापना और समाज में व्याप्त कुरीतियों का विरोध प्रमुखता से किया।
  आज आवश्यकता है हमें स्वामी विवेकानंद के बताए मार्ग पर चलकर देशहित में कार्य करने की और उनकी शिक्षाओं का अनुशरण कर समाज में भाईचारा कायम करने के लिए आगे आना



Khabre Aaj Bhi

Reporter - Khabre Aaj Bhi

Who will win IPL 2023 ?