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पनवेल : पत्रकारिता के क्षेत्र में पिछले 30 वर्षों से ईमानदारी से काम कर रहे वरिष्ठ पत्रकार समीर बामुगड़े पर लगे झूठे आरोप अब बड़े विवाद का कारण बन रहे हैं। एक महिला ने उनके खिलाफ फर्जी शिकायत दर्ज कराई है और उन पर वित्तीय धोखाधड़ी का आरोप लगाया है। गौरतलब है कि यही महिला पहले भी गंभीर अपराधों में शामिल रही है और रत्नागिरी जिले से निर्वासित हो चुकी है।
समीर बामुगड़े ने पनवेल पुलिस स्टेशन में लिखित शिकायत दर्ज कराई है, जिसमें आरोप लगाया गया है कि एक गिरोह की मदद से महिला का अपहरण किया गया और जबरन कुछ वीडियो रिकॉर्ड किए गए। उन्होंने पुलिस को सबूत भी दिए; लेकिन हैरानी की बात है कि आज तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई है।
समीर बामुगड़े ने कहा, "मैंने कोई वित्तीय अनियमितता नहीं की है। बल्कि, मैंने उस महिला को कुछ पैसे दिए हैं और मेरे पास इसका सबूत भी है। मेरा काम बैंक ट्रांजेक्शन के ज़रिए हुआ है। मेरी पत्रकारिता ईमानदार है, इसलिए अब मैं और आक्रामक होऊँगा।"
कई मीडिया चैनलों ने इस घटना पर बिना किसी तथ्य-जाँच के एकतरफ़ा और झूठी ख़बरें दिखाईं। इस पर कड़ा रुख़ अपनाते हुए बामुगड़े ने साफ़ चेतावनी दी, "अगर भविष्य में किसी चैनल ने ऐसी अपमानजनक ख़बरें दिखाईं, तो मैं उनके ख़िलाफ़ मानहानि का मुक़दमा दायर करूँगा। मैं रुकूँगा नहीं - मैं अपने सम्मान और पत्रकारिता की गरिमा के लिए लड़ता रहूँगा।"
बामुगड़े का कहना है कि अगर पुलिस एक प्रवासी महिला के झूठे आरोपों को तूल देगी और एक ईमानदार पत्रकार की अनदेखी करेगी, तो इससे लोकतांत्रिक व्यवस्था में विश्वास कम होगा। इसलिए, यह मामला सिर्फ़ व्यक्तिगत मानहानि नहीं, बल्कि पत्रकारिता और लोकतंत्र पर एक गंभीर हमला है। बामुगड़े ने माँग की है कि इस मामले की तत्काल और पारदर्शी जाँच हो और दोषियों के ख़िलाफ़ कड़ी कार्रवाई हो।
Reporter - Khabre Aaj Bhi
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