शबे बारात पर नमाजीयों से मस्जिदे रहीं गुलज़ार, ज़िन्दगी और मौत के हिसाब -किताब की रात

By: Izhar
Feb 14, 2025
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सेवराई/गाजीपुर :  स्थानीय तहसील क्षेत्र के उसिया गांव में शबे-ए-बराअत का त्योहार  की रात मुस्लिम समुदाय के लोगों ने मनाया. इस्लाम धर्म को मानने वालों के लिए यह त्योहार काफी अहमियत रखता है,शबेबरात पर के दिन गांव में रौनक नज़र आई। काफी संख्या में इस्लाम धर्म के अनुयायी कब्रिस्तान, व मज़ारों पर पहुंचे और अपने बिछुड़े हुए अज़ीज़ों व करीबी लोगों की कब्रो पर फ़ातिहा ख्वानी किया। मज़ारों पर नज़राने अखीदत पेश किया। देर रात तक यह सिलसिला जारी रहा। धार्मिक स्थलों पर प्रकाश और सफाई की विशेष व्यवस्था की गई थी।

कारी परवेज खान ने कहा कि शबे बरात एक नूरानी और बरकत वाली रात है. इस अवसर पर खूब इबादत की जाती हैं, नफली नमाजें पढ़ी जाती हैं, कुरान पाक की तिलावत की जाती है. विर्द और वजीफे पढ़े जाते हैं, अपने लिए और दूसरों के लिए दुआयें मांगी जाती हैं, स‌का और खैरात का एहतिमाम होता है. कब्रस्तिानों में जाकर अपने रिश्तेदारों और अन्य मरहूम के लिए मगफिरत की दुआ की जाती है. अगले दिन नफली रोजा रखा जाता है.शबे बरात बहुत फजीलत वाली रात है. इस रात में बन्दों की उम्र, रोजी, सेहत और जिन्दगी का निर्धारण किया जाता है. इसमें खुदा पाक के वह बन्दे जो उससे अपने गुनाहों की माफी मांगते हैं, गलत कामों से तौबा करते हैं, अपने लिए खैर व बरकत, मगफिरत व रहमत की दुआयें मांगते हैं उनका रहीम व करीम आका व मालिक उनकी दुआओं को कुबूल करता है.पन्द्रहवीं शब को नमाज पढ़ना और दिन को रोजा रखना मसनून है. हदीस में आया है कि खुदा पाक इस शब में आसमान दुनिया पर गुरूबे आफताब से सुबह सादिक तक तजल्ली फरमाता है और इरशाद होता है कि जो शख्स अपने गुनाहों को बख्शवाना चाहता हो वह आए मैं उसके गुनाहों को बख्श दूंगा, जो शख्स रिज्क हासिल करना चाहे मैं उसको रोजी दूंगा जो किसी मुसीबत में हो उसकी मुसीबत को दूर करूंगा.


Izhar

Reporter - Khabre Aaj Bhi

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