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गाजीपुर : मुख्य विकास अधिकारी के अध्यक्षता में राइफल क्लब सभागार में बैठक का आयोजन किया गया। जिसमें पोषण समिति के सदस्य मुख्य चिकित्सा अधिकारी जिला विकास अधिकारी उपायुक्त आजीविका मिशन जिला आपूर्ति अधिकारी जिला पंचायत राज अधिकारी जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी आयुष अधिकारी जिला उद्यान अधिकारी अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी सहित सभी विकासखंड के अधीक्षक एवं प्रभारी चिकित्सा अधिकारी तथा सभी ब्लॉकों के सीडीपीओ,बीएसपीम सहित यूनिसेफ के मंडल समन्वयक के साथ तकनीकी सहयोग टीएसयू के अधिकारी शामिल रहे। आगामी 4 महीने में संभव अभियान के तहत किस तरह से स्वास्थ्य विभाग एवं बाल विकास कार्य करना है उन बातों पर चर्चा पोषण समिति के माध्यम से किया गया। जिला कार्यक्रम अधिकारी दिलीप कुमार पांडे ने बताया कि बच्चों के बेहतर भविष्य और अधिक समृद्ध समाज के लिए पोषण अत्यंत आवश्यक है। शिशु और बाल मृत्यु में वृद्धि का एक प्रमुख कारण मातृ एवं शिशु कुपोषण है । कुपोषण की रोकथाम में सबसे बड़ी चुनौती समाज परिवार एवं व्यक्तिगत स्तर पर पोषण संबंधित मौजूदा व्यवहारों धारणा में परिवर्तन लाना है। इसी उद्देश्य से पिछले साल विभाग के द्वारा संभव अभियान नवाचार के रूप में लाया गया था । जिसमें विशेष रूप से सैम बच्चों का चिन्हांकन व उपचार संदर्भन एवं समुदायिक स्तर पर उनके प्रबंधन के साथ-साथ कुपोषण की रोकथाम हेतु कार्य किया जाना है। मुख्य विकास अधिकारी महोदय द्वारा सैम बच्चों के वजन की वृद्धि, निगरानी एवं पोषण परामर्श हेतु 0 से 5 वर्ष के प्रत्येक लाभार्थी तक पहुंचना एवं चयनित कुपोषित बच्चों का सन्दर्भन उपचार एवं प्रबंधन सुनिश्चित करना है। पोषण साक्षरता के लिए सामुदायिक सहभागिता को भी बढ़ावा देना। इस कार्य में लगे अन्य विभागों के सहयोग से शिशु एवं महिलाओं के पोषण से जुड़े विभागीय सेवाएं योजना लाभ लक्षित समूह तक प्राप्त करवाना है। विभिन्न योजनाएं जून माह से लेकर अगले 4 महीने तक चलाया जाना है। जिसमें कार्य योजना तैयार करना और प्रशिक्षण। स्वास्थ्य विभाग के समन्वय से आरबीएसके की योजना के तहत शिविर लगवाना। आंगनबाड़ी केंद्रों में नामांकित बच्चों की शत प्रतिशत वजन और लंबाई करके पोषण ट्रैकर एप में फीडिंग कराना साथ ही सैम मैम तथा गंभीर अल्प वजन वाले बच्चों की लाइन लिस्ट तैयार कर ई कवच पर रजिस्ट्रेशन करने का निर्देश दिया गया। इसके अलावा गर्भवती महिलाओं के पोषण को लेकर भी कार्य किया जाना है। जिसमें गर्भवती महिलाओं के पोषण के लिए कम से कम 4 बार उनका ए.एन.सी जांच व परामर्श देना। गर्भावस्था के दौरान संतुलित अतिरिक्त आहार एवं अनुपूरक पोषाहार का सेवन कराना। आयरन और कैल्शियम की गोली के सेवन का तरीका एवं महत्त्व बतलाना। साथ ही गर्भावस्था के दौरान वजन वृद्धि का निगरानी रखना। इसके अलावा संस्थागत प्रसव जन्म के बाद नवजात शिशु को 1 घंटे के अंदर स्तनपान की जानकारी भी देना। बैठक में मुख्य विकास अधिकारी ने समस्त प्रभारी चिकित्सा अधिकारियों सहित समस्त सीडीपीओ/प्रभारी को निर्देशित किया गया कि जनपद की रैंकिंग तत्काल प्रभाव से सुधार करें जिससे जनपद की रैंकिंग अच्छी हो, तथा किसी भी स्थिति में रैंकिंग प्रभावित होती है तो सम्बंधित पर कार्यवाही सुनिश्चित किये जायेगें।
Reporter - Khabre Aaj Bhi
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