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सेवराई : (गाजीपुर) कर्मनाशा तटवर्ती गांव के लोगों को शुद्ध पेयजल मुहैया कराने के उद्देश्य से लाखों रुपए की लागत से तत्कालीन सांसद मनोज सिन्हा के द्वारा केंद्रीय भूमि जल बोर्ड जल संसाधन नदी विकास और गंगा संरक्षण मंत्रालय के द्वारा राष्ट्रीय जल प्रबंधन योजना अंतर्गत 300 मीटर गहराई के प्रेक्षण कूप बोरिंग कराते हुए लोगों को शुद्ध पेयजल उपलब्ध कराने की आश्वासन दिया गया था। लेकिन 4 वर्ष बाद भी यह योजना जमीनी हकीकत पर मूर्त रूप नहीं ले सके जिससे आज भी लोगों को हैंडपंप का सहारा लेना पड़ रहा है। आज बरसात की कमी के कारण गांव में लगाए गए हैंडपंप में पानी छोड़ रहे हैं।
क्षेत्र के करमहरी गांव निवासी राधेश्याम चौधरी, सुनील गिरी, रामशंकर चौधरी, रामाशीष कुशवाहा, स्वामीनाथ कुशवाहा, उत्तम कुशवाहा आदि ने बताया कि वित्तीय वर्ष 2018-19 में कार्यदाई संस्था के द्वारा केंद्रीय भूमि जल बोर्ड जल संसाधन नदी विकास और गंगा संरक्षण मंत्रालय स्वीकृत राष्ट्रीय जल अमृत प्रबंधन योजना के अंतर्गत दो प्रेक्षण कूप का निर्माण कार्य कराया गया था। लेकिन कार्यदाई संस्था के द्वारा अभी तक 4 वर्ष बीतने के बावजूद कार्य को पूरा नहीं किया जा सका। जिससे कर्मनाशा के तट पर बसे करीब आधा दर्जन से अधिक गांव के हजारों लोग आज भी शुद्ध पेयजल के लिए तरस रहे हैं। बनने के बाद सभी नलकूप को टीम के बक्से में बंद कर दिया गया जिससे आज तक पेयजल योजना बाहर नहीं निकल सकी।
ग्रामीणों ने बताया कि क्षेत्रीय जनप्रतिनिधियों एवं संबंधित उच्च अधिकारियों को कई बार मामले से अवगत कराया गया लेकिन नतीजा सिफर रहा। लोगों ने बताया कि आज क्षेत्र लगभग सूखे की चपेट में आ गया है गांव में लगाए गए दर्जनों हैंडपंप पानी छोड़ दिए हैं जिससे लोगों के सामने पेयजल की समस्या गहरा गई है। 6 हजार आबादी वाले करमहरी गांव के लोगों के साथ-साथ पशु पक्षियों के सामने भी पेयजल की दूरव्यवस्था के कारण मुसीबत खड़ी हो गई है। लोगों ने उच्च अधिकारियों का ध्यान आकृष्ट करते हुए जल्द से जल्द इस योजना को मूर्त रूप में लाने की मांग की गई है।
Reporter - Khabre Aaj Bhi
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