नहर सूखी होने से किसान काफी परेशान ,सैकड़ों बीघा की फसल बर्बाद होने के कगार पर

By: Izhar
Jul 20, 2022
381


उसिया : (गाजीपुर) 'क्या वर्षा जब कृषि सुखानी", इन दिनों बरसात ना होने से जहां भीषण गर्मी और उमस बढ़ गई है वहीं किसानों के चेहरे पर भी मायूसी साफ नजर आ रही है। क्षेत्र की नहर सूखी होने से किसान काफी परेशान हो गए हैं। जिसको लेकर कांग्रेस के प्रदेश सचिव अहमद शमसाद ने चौधरी चरण सिंह पंप कैनाल जमानिया से चलकर दिलदारनगर, उसिया, करवनिया का डेरा आदि होते हुए गोडसरा को जाने वाली छोटी नहर में किसानों के साथ बैठकर सांकेतिक धरना प्रदर्शन किया। चेताया कि अगर जल्द ही किसानों की फसलों को सिंचाई के लिए पर्याप्त मात्रा में नहरों द्वारा पानी उपलब्ध नहीं कराया गया तो हम सभी तहसील मुख्यालय पर भी प्रदर्शन को बाध्य होंगे।

गौरतलब हो कि नहरों में पूरी क्षमता के साथ पानी ना छोड़े जाने के कारण टेल तक पानी नहीं पहुंच रहा है। जिससे करीब हजारों हेक्टेयर कृषि योग्य भूमि की पर धान की रोपाई नहीं हो पाई है। कांग्रेस के प्रदेश सचिव अहमद शमशाद ने बताया कि क्षेत्रीय अधिकारियों को कई बार किसानों की समस्या से अवगत कराया गया लेकिन उनके द्वारा मनमाने तरीके से दिए जा रहे पानी किसानों के लिए नाकाफी साबित हो रहे हैं। क्षेत्रीय किसानों ने बताया कि पानी के अभाव में धान की नर्सरी पूरी तरह से सूख चुकी है अकेले उसियां मौजा में सैकड़ों बीघा की फसल बर्बाद होने के कगार पर पहुंच गई है।कृषि विशेषज्ञों की मानें तो अगर अगले 10 दिनों में बरसात ना होने अथवा किसानों को नहर से पानी की सप्लाई नहीं हुई तो धान की पैदावार पर इसका खासा असर पड़ेगा। किसानों ने बताया कि कई किसान कर्ज लेकर फसल की रोपाई के लिए धान की नर्सरी डाले हुए थे लेकिन बरसात न होने और नहरों से क्षमता के साथ पानी में उपलब्ध हो पाने के कारण खेतों को एक बूंद पानी भी नहीं मिल पाई है जिसे फसल बचा पाना अब मुश्किल नजर आ रहा है। मायूस किसान यही कह रहे हैं कि "क्या वर्षा जब कृषि सुखाने" अर्थात फसल सूखने के बाद बरसात का क्या महत्व होगा।


Izhar

Reporter - Khabre Aaj Bhi

Who will win IPL 2023 ?