जनपद में आंगनबाड़ी,आशा सहित 48770 लोग जुड़े पोषण पाठशाला से

By: Khabre Aaj Bhi
May 26, 2022
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ग़ाज़ीपुर : उत्तर प्रदेश सरकार गर्भवती व धात्री के साथ ही कुपोषित बच्चों को सुपोषित करने के उद्देश्य से लगातार पोषण के कार्यक्रम चलाती रहती है। जिसके क्रम में बाल विकास एवं पुष्टाहार विभाग के निदेशक डॉ सारिका मोहन के द्वारा एक पत्र बाल विकास एवं पुष्टाहार विभाग को भेजा गया था। जिसमें गुरुवार को विभाग से जुड़े हुए अधिकारी और आंगनबाडी अपने-अपने केंद्रों पर लिंक से जुड़कर पोषण पाठशाला में शामिल होने का निर्देश दिया गया था। जिस के क्रम में आज जनपद के 3753 केंद्रों पर आंगनबाडी और एनआईसी कक्ष में स्वास्थ्य विभाग की तरफ से आशा कार्यकर्ता जुडी। और पोषण विशेषज्ञों की सलाह एवं सुझाव से लाभान्वित हुए।जिला कार्यक्रम अधिकारी दिलीप कुमार पांडे ने बताया कि इस पोषण पाठशाला में जनपद के 4127 आंगनबाड़ी केंद्रों से आंगनबाडी कार्यकर्ताओं को जोड़ना था। लेकिन तकनीकी खामियों के कारण 3753 केंद्रों से आगनबाडी इस लिंक से जुड़ी। इसके साथ ही एनआईसी केंद्र और अन्य जगहों से मिलाकर कुल 48770 लाभार्थियों ने सीधा संवाद में जुड़ कर पोषण पाठशाला से ज्ञानार्जन किया।इस दौरान उन्होंने बताया कि लखनऊ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से डॉ मनीष कुमार सिंह एसोसिएट प्रोफ़ेसर सामुदायिक चिकित्सा विभाग, डॉ मोहम्मद सलमान खान वरिष्ठ सलाहकार एवं डॉ रेनू श्रीवास्तव निदेशक नवजात बाल विभाग रही। इन सभी लोगों ने नवजात शिशु को कैसे स्तनपान कराएं इसके बारे में आंगनबाड़ी और आशा कार्यकर्ता के साथ लाभार्थियों को विस्तृत रूप से जानकारी दिया।वीडियो कांफ्रेंसिंग से जुड़े विशेषज्ञ डॉक्टर के पैनल ने बताया कि मां का दूध नवजात शिशु के लिए अमृत के समान है। इसलिए जन्म से लेकर 6 माह तक सिर्फ बच्चे को स्तनपान कराएं और 6 माह के बाद भी स्तनपान जारी रखें। इसके अलावा उन्होंने बताया कि ग्रामीण इलाकों में आंगनबाडी कार्यकर्ता अपने क्षेत्रों में जाकर मां नवजात शिशु को कैसे दूध पिलाना है इसके बारे में भी बताया गया साथ ही उन्हें परामर्श भी दिया गया। डॉ मनीष कुमार सिंह एसोसिएट प्रोफेसर सामुदायिक चिकित्सा विभाग लखनऊ ने बताया कि मां के दूध में विटामिन ए, बी और सी मिलता है। इसके अलावा मां के दूध में वसा,प्रोटीन और लेक्टोज की मात्रा जितना शिशु को चाहिए। उतना मिलता है साथ ही एक स्वस्थ शिशु के लिए आयरन की भी जरूरत होती है।जो मां के दूध से नवजात शिशु को आयरन की पूर्ति भी हो जाती है।इस दौरान उन्होंने बताया कि बहुत सारे कंपनियों के द्वारा डब्बा बंद दूध बेचा जाता है।लेकिन वह इसका प्रचार और प्रसार नहीं कर सकते हैं जो आई एम एस अधिनियम के तहत प्रतिबंधित है।आज के इस पोषण पाठशाला में जिला अस्पताल के शिशु रोग विशेषज्ञ एनआरसी के प्रभारी डॉ सुजीत मिश्रा,यूपीटीएसयू के बुद्धदेव ,सीडीपीओ जखनिया धनेश्वर राम,सीडीपीओ मरदह राजेश कुमार सिंह, मोहमदाबाद सीडीपीओ शायरा परवीन, मुख्य सेविका सैदपुर सुनीता सिंह,मुख्य सेविका सदर तारा सिंह के अलावा अन्य आंगनबाड़ी केंद्रों पर आंगनबाडी कार्यकर्ता ,लाभार्थी और आशा कार्यकर्ता इस पोषण पाठशाला से जुड़कर जानकारी लिया।


Khabre Aaj Bhi

Reporter - Khabre Aaj Bhi

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