नवरात्रि के दूसरे दिन कामाख्या देवी धाम पर हजारो श्रद्धालुओं ने मत्था टेका

By: Khabre Aaj Bhi
Apr 04, 2022
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By : विवेक सिंह

सेवराई : (गाजीपुर) नवरात्रि के पावन पर्व के दूसरे दिन सेवराई तहसील क्षेत्र के गांव में फिर से सुप्रसिद्ध कामाख्या देवी धाम पर हजारों श्रद्धालुओं ने मत्था टेकते हुए दर्शन पूजन किया एवं अपने मन कामनाओं की पूर्ति के लिए माता से प्रार्थना की इस दौरान मंदिर समिति के द्वारा जगह-जगह सुरक्षा के दृष्टिकोण से सीसीटीवी कैमरे लगाए गए थे मंदिर समिति के सदस्यों के द्वारा श्रद्धालुओं को कतार बद्ध तरीके से मंदिर में प्रवेश कराया जा रहा था।

सुप्रसिद्ध शक्तिपीठ मां कामाख्या धाम पर चैत्र नवरात्रि में श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ती है इस दौरान यूपी बिहार प्रांत के अलावा अन्य जिलों से भी श्रद्धालु दर्शन पूजन के लिए आते हैं। मंदिर पर मेला का आयोजन होता है पूरे 9 दिन विधि विधान से पूजा अर्चना के साथ-साथ माता की आराधना की जाती है। मंदिर के मुख्य पुजारी बबुआ बाबा उर्फ बबुआ उपाध्याय ने बताया कि कामाख्या देवी मंदिर सहित क्षेत्र के देवी मंदिरों पर नवरात्रि में विशेष तौर पर श्रद्धालुओं के द्वारा पूजा अर्चना की जाती है माता रानी को अड़हुल के फूल और चुनरी चढ़ाकर पूजा का विशेष महत्व होता है। नवरात्रि के दूसरे दिन मां ब्रह्मचारिणी की पूजा की जाती है। देवी के इस रूप को माता पार्वती का अविवाहित रूप माना जाता है। इसके अलावा मां ब्रह्मचारिणी को ज्ञान, तपस्या और वैराग्य की देवी माना जाता है। मां ब्रह्माचारिणी के नाम में ही उनकी शक्तियों की महिमा का वर्णन मिलता है। ब्रह्म का अर्थ होता है तपस्या और चारिणी का अर्थ होता है आचरण करने वाली। अर्थात तप का आचरण करने वाली शक्ति को हम बार-बार नमन करते हैं। माता के इस स्वरूप की पूजा करने से तप, त्याग, संयम, सदाचार आदि की वृद्धि होती है। जीवन के कठिन से कठिन समय में भी इंसान अपने पथ से विचलित नहीं होता है। नवरात्रि के दूसरे दिन पूजित ब्रह्मचारिणी आंतरिक जागरण का प्रतिनिधित्व करती हैं। मां सृष्टि में ऊर्जा के प्रवाह, कार्यकुशलता और आंतरिक शक्ति में विस्तार की जननी हैं। ब्रह्मचारिणी इस लोक के समस्त चर और अचर जगत की विद्याओं की ज्ञाता हैं। इनका स्वरूप श्वेत वस्त्र में लिपटी हुई कन्या के रूप में है, जिनके एक हाथ में अष्टदल की माला और दूसरे में कमंडल है। यह अक्षयमाला और कमंडल धारिणी ब्रह्मचारिणी नामक दुर्गा शास्त्रों के ज्ञान और निगमागम तंत्र-मंत्र आदि से संयुक्त हैं। भक्तों को यह अपनी सर्वज्ञ संपन्न विद्या देकर विजयी बनाती हैं। ब्रह्मचारिणी का स्वरूप बहुत ही सादा और भव्य है। अन्य देवियों की तुलना में वह अतिसौम्य, क्रोध रहित और तुरंत वरदान देने वाली देवी हैं।


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Reporter - Khabre Aaj Bhi

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