विश्व कैंसर दिवस पर जन जागरूक गोष्ठी आयोजित ,कैंसर से बचाव एवं लक्षण के बारे में दी गई जानकारी

By: Khabre Aaj Bhi
Feb 04, 2022
175

ग़ाज़ीपुर : विश्व कैंसर दिवस पर शुक्रवार को मुख्य चिकित्सा अधिकारी कार्यालय के सभागार में एक जन जागरूक संगोष्ठी का आयोजन किया गया। सीएमओ डॉ हरगोविंद सिंह की अध्यक्षता में कार्यक्रम का आयोजन किया गया।  इस दौरान डॉ सिंह ने गोष्ठी में शामिल आशा कार्यकर्ता और अन्य लोगों को बताया कि कैंसर जिसे लाइलाज बीमारी कहा जाता है लेकिन समय रहते इसकी पहचान कर ली जाए तो इसका इलाज संभव है। गोष्ठी में कैंसर से बचाव और उसके पहचान को लेकर वार्ता की गई। एनसीडी के नोडल अधिकारी डॉ के के सिंह ने बताया कि इस बार विश्व कैंसर दिवस की थीम ‘क्लोज द केयर गैप’ रखा गया है। जिसका मतलब है कि यदि मरीज के बीमारी की पहचान हो गई तो इसे बढ़ाने के बजाय तत्काल इलाज शुरू कर दिया जाए तो कैंसर पर काबू पाया जा सकता है। इसके कई उदाहरण हैं जो कैंसर से जूझने और उसके इलाज के बाद स्वस्थ होकर समाज की मुख्यधारा में काम कर रहे हैं । एसीएमओ डॉ केके वर्मा ने बताया कि कैंसर कई प्रकार के होते हैं, जिसमें से महिलाओं में ब्रेस्ट कैंसर व अन्य में मुंह का कैंसर के मरीज अधिक संख्या में मिलते हैं। उन्होंने बताया कि मुंह के कैंसर के लक्षण के बारे में बताया कि मुंह में सफेद व लाल चकत्ता व घाव होना। किसी जगह त्वचा का कड़ा हो जाना। ऐसे घाव जो एक माह से अधिक अवधि तक ना भरे। मुंह के श्लेषमा का पीला पड़ जाना। मसालेदार भोजन का मुंह के अंदर सहन ना होना। मुंह खोलने में कठिनाई, जीभ को बाहर निकालने में कठिनाई के साथ ही कई अन्य लक्षण भी हैं। इसके लिए पीड़ित व्यक्ति स्वयं इसकी जांच कर सकता है। पानी से कुल्ला करें और पर्याप्त रोशनी में दर्पण के सामने खड़े हो जाएं। दर्पण में देखे कि मुंह के अंदर कोई और सामान सफेद या लाल चकत्ते घाव या कठोर त्वचा तो नहीं है। यदि ऐसा कुछ दिखाई देता है तो संदेहास्पद भाग को उंगलियों से छूकर देखना चाहिए। इसके अलावा सामान्य श्लेसमकला लाल और गुलाबी रंग का होता है। ऐसा होने पर आस पास के स्वास्थ्य केंद्र से तत्काल संपर्क करें।एसीएमओ डॉ मनोज सिंह महिलाओं में होने वाले ब्रेस्ट कैंसर के बारे में कहा कि स्तन कैंसर कोशिकाओं के अनियंत्रित बढ़ोतरी की वजह से होता है। आमतौर पर लोग लोवयूल्स और दुग्ध नलिका में घुसकर व स्वस्थ कोशिकाओं पर आक्रमण करते हैं। जिसके चलते यह शरीर के अन्य भागों में भी फैल जाते हैं। इस दौरान उन्होंने बताया कि स्तन कैंसर के मामलों में स्तन में गांठ या मस्से मुख्य लक्षणों में एक है। इसके अलावा स्तन के एक हिस्से या पूरे स्तन में किसी भी तरह की सूजन एक समस्या का कारण है। हालांकि यह संक्रमण गर्भावस्था जैसी स्थिति में भी हो सकता है स्तन कैंसर के लक्षण त्वचा का लाल होना, मोटा होना, स्तन उत्तक के डिंपललिंग त्वचा की बनावट में बदलाव के साथ ही निप्पल से किसी भी तरह के तरल निकलना, साथ ही निप्पल का अंदर की ओर से दबना भी स्तन कैंसर का लक्षण हो सकता है। अगर निप्पल में दर्द हो तो उसकी भी चिकित्सा करानी चाहिए।स्तन कैंसर से बचाव के लिए महिलाओं में जोखिम वाले काम कम करने के लिए स्वस्थ वजन बनाए बनाए रखना चाहिए। धूम्रपान और अल्कोहल का सेवन नहीं करना। सब्जियों मछली और कम वसा वाले उत्पादों से भरपूर आहार करने जैसी जीवन शैली में बदलाव के साथ साथ नियमित मैमोग्राम करना भी होता है।इस गोष्ठी में मुख्य रूप से डीपीएम प्रभुनाथ, डॉ एकांत पांडे, अर्बन कोऑर्डिनेटर अशोक, तबरेज अंसारी, अमित राय, राघवेंद्र प्रताप सिंह के साथ ही आशा कार्यकर्ता और मुख्य चिकित्सा अधिकारी कार्यालय के स्टाफ मौजूद रहे।


Khabre Aaj Bhi

Reporter - Khabre Aaj Bhi

Who will win IPL 2023 ?