भारत तिब्बत समन्वय संघ के प्रथम स्थापना दिवस की पूर्व संध्या पर हुआ विशाल वर्चुअल का आयोजन

By: Khabre Aaj Bhi
Jan 14, 2022
187


By : नवनीत मिश्र

*देश की आजादी की दूसरी लड़ाई है तिब्बत मुक्ति संघर्ष:  प्रो०सोलंकी पूर्व राज्यपाल*

जनता के सहयोग से चीन को देगे करारी मात: अजित महापात्रा

राष्ट्रीय अध्यक्ष प्रो जुयाल बोले, तिब्बत स्वतन्त्रता से ही कैलाश की मुक्ति सम्भव

संत कबीर नगर : राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के अखिल भारतीय कार्यकारिणी सदस्य अजित महापात्रा ने कहा कि जनता के सहयोग से चीन को करारी मात दी जाएगी। उन्होंने कहा कि तिब्बत कोई राजनीतिक मुद्दा नहीं है बल्कि यह हमारी सांस्कृतिक लड़ाई का भाग है। हमारी सनातन संस्कृति का बहुत सारा साहित्य आज भी तिब्बत व तिब्बतियों के पास सुरक्षित है। तिब्बत की आजादी केवल तिब्बतियों की स्वतंत्रता के लिए ही नहीं, बल्कि भारत की सुरक्षा के लिए आवश्यक है। संघ के वरिष्ठ प्रचारक श्री महापात्रा ने कहा कि इस निर्णायक जंग में भारत तिब्बत समन्वय संघ महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। इसे जन-जन तक पहुंचाना आवश्यक है।भारत-तिब्बत समन्वय संघ (बीटीएसएस) के प्रथम स्थापना दिवस की पूर्व संध्या पर गुरुवार देर रात ऑनलाइन कार्यक्रम का आयोजन किया गया।      कार्यक्रम के मुख्य अतिथि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के अखिल भारतीय कार्यकारिणी सदस्य व राष्ट्रीय गौसेवा प्रमुख अजित महापात्रा ने कहा कि चीन दुनिया के लिए बहुत बड़ा खतरा बन गया है। वह न केवल तिब्बत के मानवाधिकारों का हनन कर रहा है, बल्कि वहां के प्राकृतिक संसाधनों पर जबरन कब्जा करके दुनिया के लिए नया संकट पैदा कर रहा है। कोरोना जैसी महामारी के जरिए चीन ने दुनिया के लिए बड़ा खतरा पैदा किया है। अब समय आ गया है कि चीन की विस्तारवादी नीति को करारा जवाब दिया जाए। इसके लिए भारत तिब्बत समन्वय संघ जैसे संगठनों को आक्रामक भूमिका निभानी होगी। ऐसा पूर्ण विश्वास है कि बीटीएसएस ही जनता के सहयोग से चीन को करारी मात देने में सफल होगा। उन्होंने कहा कि कार्यकर्ता बड़े पैमाने पर चीनी दूतावास को उसकी कारगुजारियों के बारे में बताते हुए पत्र भेजें। उसकी करतूतों पर उसी को बतायें कि हम उनकी चालों को बखूबी समझ रहे हैं और इसकी प्रतिक्रिया भी हम ही देंगे। साथ ही अपने सांसदों-विधायकों के माध्यम से सरकार पर चीन पर अंकुश लगाने का दबाव बनाए। बीटीएसएस के केंद्रीय संरक्षक व पूर्व राज्यपाल प्रो कप्तान सिंह सोलंकी ने कहा कि जन-जन के सहयोग से चीन के खिलाफ निर्णायक जंग लड़ी जाएगी। तिब्बत के लिए लड़ाई केवल तिब्बत के लिए ही नहीं, बल्कि सांस्कृतिक राष्ट्रवाद की लड़ाई है। तिब्बत की मुक्ति को आजादी की दूसरी जंग बताते हुए उन्होंने कहा कि राजनीतिक जंग तो हम पहले ही जीत चुके हैं। अब सांस्कृतिक और आर्थिक आजादी की लड़ाई के लिए हमें जन-जन को तैयार करना होगा। इसमें बीटीएसएस ही अग्रणी भूमिका निभाएगा। बीटीएसएस की महिला विभाग की राष्ट्रीय अध्यक्ष श्रीमती नामग्याल सेकी ने कहा कि भारत तिब्बतियों का सच्चा साथी है और तिब्बत की जंग में भारत का योगदान भुलाया नहीं जा सकता। सभी को इस जंग में मिलकर कार्य करना होगा। बीटीएसएस तिब्बतियों की इस जंग का भरोसेमंद साथी है। ऑनलाइन सम्मेलन में हिमाचल प्रांत से बीआर कोंडल, उत्तराखंड से मनोज गहतोड़ी, मेरठ प्रांत से डॉ. कुलदीप त्यागी, राजस्थान से दिनेश भाटी, दिल्ली से अवधेश सिंह, हरियाणा से फकीरचंद चौहान, मध्य प्रदेश से राजो मालवीय आदि ने अपने विचार रखें। बीटीएसएस के राष्ट्रीय अध्यक्ष प्रो. प्रयाग दत्त जुयाल ने प्रथम स्थापना दिवस पर सभी को बधाई दी और संगठन को अगले एक वर्ष में न्याय पंचायत स्तर तक ले जाने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि भगवान शंकर के मूल स्थान की चीन से मुक्ति के लिए तिब्बत को पहले चीन से आजाद कराना होगा। कार्यक्रम का संचालन राष्ट्रीय महामंत्री विजय मान ने किया। इस अवसर पर बीटीएसएस के केंद्रीय संयोजक हेमेंद्र तोमर, राष्ट्रीय महामंत्री डॉ. अरविंद केशरी, राष्ट्रीय संगठन मंत्री नरेंद्र पाल सिंह भदौरिया, राष्ट्रीय कोषाध्यक्ष अजित अग्रवाल, डॉ एन शिव सुब्रमनियन चेन्नई, प्रो परमेन्द्र दसोड़ा उदयपुर, प्रो सुमित्रा कुकरेती दिल्ली, नीरज सिंह दिल्ली, प्रो बी आर कुकरेती बरेली, ललित अग्रवाल मुजफ्फरनगर, ज्योति शर्मा जयपुर, नरेंद्र चौहान देहरादून, तरुण सोनी पाली, सत्यजीत ठाकुर सागर, ओगयेन क्याब मैक्लोडगंज, सदाशिव मणिपुर, प्रवीण मिश्रा रांची, विवेक सोनी वाराणसी, रामकुमार सिंह, डॉ सोनी सिंह, नवनीत मिश्र, संतकबीर नगर, रवि गोंड धर्मशाला, यज्ञा जोशी गुजरात, ट्विंकल पटेल अहमदाबाद, डॉ एस के पारचा देहरादून, तेजस चतुर्वेदी गाजियाबाद, कर्नल एन के ढाका नागौर आदि देश भर से लोग उपस्थित रहे।


Khabre Aaj Bhi

Reporter - Khabre Aaj Bhi

Who will win IPL 2023 ?