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सोशल डिस्टेंसिंग के मद्देनजर मनाया गया जश्ने ईद उल मिलाद उल नबी
उसिया : दिलदारनगर क्षेत्र के उसिया गांव के मुहल्ला बगला पर जश्ने ईद उल मिलाद उल नबी का कार्यक्रम किया गया ।जिसमें सोशल डिस्टेंसिंग का ध्यान रखा गया, कार्यक्रम का आगाज तिलावते कलाम ए पाक से शुरू कारी मोहम्मद इमरान खान साहब ने किया।
इस मौके पर नात पढ़ते हुए मौलाना सिराजुद्दीन साहब ने कहा कि सुर्खरू होता है वही जो शाहे बे ईमान होता है । वही मोहम्मद मुद्दसिर रजा़ खान गाजीपुरी रहमत कि चादर ओढने आ गये मुस्तफा उनका चेहरा जब ओ आयेगे लहद मे यू कहे जलवा दिखाने आ गये मुस्तफा भी अपनी नात से महफिल में समा बांधा शानिया खातुन ने माँ के उपर नात पढ कर सबका दिल जित लिया।
हाफिज व कारी मोहम्मद जुबैर खान साहब ने हजरत मोहम्मद सल्लल्लाहो वसल्लम के जीवन पर प्रकाश डालते हुए साहब ने बताया कि ५३२ ईसवी में इस्लामी तारीख के १२ रबी उल अव्वल को अबू मत्तालीब के यहां अरब के मक्का शहर मे एक पोता पैदा हुआ।
जिसने पूरे एशिया और यूरोप में ही नहीं पूरी दुनिया में इल्म का प्रकाश फैलाया बाद में उनको खातेमूल नबी का लक़्ब मिला उन्होंने बताया कि आज कयामत तक दुनिया में कोई भी नबी या पैगंबर या अवतार नहीं आएगा उन्होंने जो धर्म की शिक्षा, इंसानियत की शिक्षा दुनिया को दी है उसी पर अमल करके दुनिया में अमन कायम किया जा सकता है आज पूरी दुनिया में पैग़ंबरे इस्लाम हज़रत मोहम्मद सल्लल्लाहो सल्लम का योमें पैदाइश यानी जन्म दिवस मनाया जा रहा है। हाफिज व कारी मोहम्मद परवेज़ खान साहब ने हजरत मोहम्मद सल्लल्लाहो वसल्लम के यकिदत मे नात पढी ।
मौलाना मुफ्ती मोहम्मद फैसल रजा कादरी ने फरमाया कि हजरत मोहम्मद सल्लल्लाहो वसल्लम कि और बोखारी शरीफ व जश्न ईद मिलाद उल नबी क्यों मनाते हैं। मस्जिदो अपने घरों को क्यों सजाते हैं ।उनके बारे मे जानकारी दी। मौलाना अली अकबर साहब ने तकरीर अल्लाहताला ने अपने प्यारे नबी हजरत मोहम्मद सल्लल्लाहो वसल्लम कि सुन्नत के बारे मे जानकारी दी।आखिर में कोविड-१९ से निजात के लिए व दुनिया में अमन व आमान के लिए दुआएं मांगी गईइस मौके पर मुख्य रूप से हाफिज अरबाज, हाफिज आकिब, हाफिज सेराज ,हाफिज जावेद,आदि लोग मौजूद रहे।कोविड-१९ को देखते हुए इस साल जुलूस नहीं निकला और ना गांव में कोई सजावट नहीं हुई शासन प्रशासन के द्वारा दिए गए सुझाव के अनुसार कार्यक्रम को स्थगित कर कौमी यकजहती का प्रोग्राम किया।
Reporter - Khabre Aaj Bhi
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