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By.खान अहमद जावेद
गाजीपुर : जनपद मुख्यालय से लगभग ५० किलोमीटर दूर डॉ राम मनोहर लोहिया डिग्री कॉलेज अध्यात्म पुरम के सभागार में देश के पूर्व प्रधानमंत्री श्री लाल बहादुर शास्त्री की ५५ वीं पुण्यतिथि के अवसर पर आज श्रद्धांजलि एवं विचार गोष्ठी का आयोजन प्राचार्य डॉ धीरेंद्र कुमार मिश्र के द्वारा आयोजित किया गया ।कार्यक्रम के मुख्य अतिथि सत्यदेव ग्रुप आफ कॉलेजेस गाजीपुर के प्रबंध निदेशक और सतीश चंद्र कॉलेज बलिया में राजनीति विज्ञान विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ सानंद सिंह रहे।
कार्यक्रम की अध्यक्षता कॉलेज के निदेशक प्रमोद सिंह ने किया मुकेश राज डॉक्टर सानंद सिंह ने भारत के पूर्व प्रधानमंत्री जय जवान जय किसान के नारे के उद्घोषक सादा जीवन उच्च विचार का जीवन दे कर के पूरे भारत के युवाओं के प्रेरणा स्रोत लाल बहादुर शास्त्री के जीवन के योगदान विषयक चर्चा सभी के समक्ष रखी ।
भारत के दूसरे प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री के सादा जीवन एवं उच्च विचारों के उत्तम उदाहरण के देश के सामने एक मानचित्र डॉक्टर सानंद सिंह ने प्रस्तुत किया। स्वतंत्र भारत के महान शिल्पी पंडित जवाहरलाल नेहरू के बाद लाल बहादुर शास्त्री देश के प्रधानमंत्री बने।
देश के यशस्वी पूर्व प्रधानमंत्री काशी के लाल और काशी विद्यापीठ कि विश्वविद्यालय की गौरवशाली विद्यार्थी, परंपरा के स्नातक,के पुण्यस्मरण के दिन आज उनके जीवन के आदर्शों के साथ राष्ट्रपिता के जीवन का आदर्श का समन्वय पर चर्चा अति आवश्यक है । श्री शास्त्री जी गांधीवादी परंपरा के एक महानायक और उस परंपरा के आदर्शों एवं मूल्यों के नए संस्कारों से अनुप्राणित गांधी के अनुगामी थे ।
उन्होंने मुगलसराय की अपनी प्राइमरी शिक्षा के बाद,बनारस के हरिश्चंद्र इंटर कॉलेज से अपनी शिक्षा इंटरमीडिएट की पास करके,, तत्कालीन समय में स्नातक शास्त्री की उपाधि,,काशी विद्यापीठ से प्राप्त किया ।स्वर्गीय लाल बहादुर शास्त्री ने अपने जीवन की सादगी के विचारों एवं कठिन परिस्थितियों में अपने निर्णय की अद्भुत क्षमता से इस देश के युवाओं के लिए आदर्श उदाहरण प्रस्तुत किया ।
और उनका यह विश्वास था कि जीवन में कभी न कभी ऐसा मोड़ा जाता है जब हम आत्मविश्वास खोने लगते हैं, ऐसे में हम युवाओं से यह कहना चाहते हैं कि उन्हें एक शुद्ध मार्गदर्शन की आवश्यकता होती है, दुनिया को जब जय जवान जय किसान का नारा पूर्व प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री दे रहे थे,एक तरफ भारत में सीमाओं की सुरक्षा के लिए सैनिकों का सम्मान दूसरी तरफ अन्य उत्पादन करने वाले वह किसानों का सम्मान कर रहे थे ।
कानून का सम्मान किसी भी स्थिति में किया जाना चाहिए । लोकतंत्र की बुनियादी संरचना और मजबूत तभी संभव होगी l जब सभी देशवासी अपने स्तर से देश की अखंडता और एकता की रक्षा करेंगे। यदि कोई एक व्यक्ति भी ऐसा रह गया, जिससे किसी भी रूप में अछूत कहा जाए,तो भारत को अपना सिर शर्म से झुक आना पड़ेगlप्रत्येक देशवासी आपस में भाई भाई है । वर्तमान समय में लाल बहादुर शास्त्री के आत्मनिर्भर भारत के विचारों को हम सभी को अंगीकार करना होगा lभारत को शुद्ध ने लोकतंत्र, सक्षम संसदीय शासन प्रणाली के ही रास्ते से आगे बढ़ाया जा सकता है।
ऐसे महामानव का हम सभी सदैव आदर करते रहेंगे । उनके चरणों में शत शत बार नमन करते हैं । सभी आगंतुकों के प्रति आभार ज्ञापन बड़े भाई हम सभी के अभिभावक श्री नरेंद्र देव सिंह ने किया । कार्यक्रम का संचालन महाविद्यालय के विद्वान प्राचार्य डॉ धीरेंद्र कुमार मिश्र ने किया । आज के इस कार्यक्रम में डॉ राम मनोहर लोहिया डिग्री कॉलेज के सभी प्रवक्ता गण, कर्मचारी साथी एवं प्रबंधकीय सहयोगियों के साथ,, अभिभावक गण भी उपस्थित रहे।
Reporter - Khabre Aaj Bhi
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