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रिपोर्ट : नवनीत मिश्र
संत कबीर नगर: प्रभादेवी स्नातकोत्तर महाविद्यालय एवं राज विद्या केन्द्र के संयुक्त तत्वाधान में आयोजित वैश्विक शांति स्थापना में भारत का अवदान विषयक संगोष्ठी को संबोधित करते हुए मुख्य अतिथि डॉ.दिग्विजय नाथ पांडेय, (अध्यक्ष, पंडित दीनदयाल उपाध्याय शोध पीठ सिद्धार्थ विश्वविद्यालय, कपिलवस्तु ने कहा शांति ही विकास का मार्ग प्रशस्त करता है।
अंतरराष्ट्रीय मामलों के विशेषज्ञ डॉक्टर पांडेय ने विश्व में शांति स्थापना भारत के प्रयासों और योगदान की विस्तार से चर्चा करते हुए कि जब भी विश्व शान्ति की बात होगी तो इसको लेकर भारत का नाम और योगदान स्वर्ण अक्षरों में अंकित दिखेगा।विशिष्ट अतिथि डॉक्टर विजय कुमार ने कहा कि हमारे ग्रंथों में लिखा है, हे ईश्वर तीनों लोकों में हर तरफ शांति का वास हो, जल में, पृथ्वी में, आकाश में, अंतरिक्ष में, अग्नि में, पवन में, औषधि में, वनस्पति में, उपवन में, अवचेतन में, सम्पूर्ण ब्रह्मांड में शान्ति स्थापित करें। जीवमात्र में, हृदय में, मुझ में, तुझ में, जगत के कण-कण में, हर जगह शान्ति स्थापित करें।
संगोष्टी डायट संत कबीर नगर के वरिष्ठ प्रवक्ता ओंकार नाथ मिश्र ने भी संबोधित किया । विषय प्रवर्तन महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ प्रमोद कुमार त्रिपाठी किया एवं अध्यक्षता डॉ.राजेंद्र कुमार त्रिपाठ तथा संचालन हेमंत तिवारी ने किया। कार्यक्रम का शुभारंभ मां सरस्वती के चित्र पर दीप प्रज्वलन एवं पुष्पार्चन के साथ आगत अतिथियों ने किया। संगोष्ठी के अंत में राज विद्या केंद्र के स्वयं सेवकों ने प्रोजेक्टर के माध्यम से अन्तर्राष्ट्रिय शन्ति वक्ता श्री प्रेम रावत ने अपने सन्देश में कहा कि मनुष्य को शांति की बहुत जरूरत है। जिस शांति की मनुष्य को तलाश है, वह उसी के अंदर है।
इस अवसर पर प्रभा सेवा समिति मुख्य समन्वयक श्री विजय कुमार राय,श्री रीतेश त्रिपाठी,विनोद मिश्र, नगेन्द्र सिंह, गंगादीन दुबे, सामाजिक कार्यकर्ता नवनीत मिश्र, संदीप पांडे, श्रीमती ममता शुक्ला, मनीष त्रिपाठी, दीपक सिंह, सौरभ सिंह,पूनम यादव, शोएबा खातुन, शलिनी पांडेय, ज्योति एवं राज विद्या केन्द्र के स्वयं सेवकगण राधेश्याम प्रजापति, शैलेश पांडेय, इन्द्रेश मौर्या सहित अनेक गणमान्य जन उपस्थिति रहे।
Reporter - Khabre Aaj Bhi
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